निशुल्क दवा वितरण के क्षेत्र में बेहतर सेवाओं और दवाओं के उपयोग के मामले में राजस्थान ने देशभर में पहला स्थान प्राप्त किया है। देश के 16 राज्यों में निशु़ल्क दवा वितरण में बेहतरीन कार्य करने पर राजस्थान को यह उपलब्धि मिली है। मंगलवार को नेशनल हैल्थ मिशन के मिशन निदेशक मनोज झालानी ने पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी।
दवा वितरण के क्षेत्र में पहला स्थान मिलने पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डा. रघु शर्मा ने इस योजना से जुड़े सभी कार्मिकों को बधाई दी है। उन्होंने कहा है कि यह चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के लिए बड़ी उपलब्धि है।
बता दें कि योजना के तहत वर्तमान सरकार के बनने से पूर्व 608 दवाईयां निशुल्क वितरित की जा रही थी। प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने योजना में 104 नई दवाईया शामिल की तथा अब इसके तहत मिलने वाली दवाईयों की संख्या 712 हो गई है, जो पूरे देश में एक कीर्तिमान है। इस योजना की शुरूआत तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 2 अक्टूबर 2011 को की थी। इसके तहत वर्ष 2011 से लेकर अब तक लगभग 67 करोड़ मरीजों को नि:शुल्क दवा दी जा चुकी है। राज्य में प्रतिदिन लगभग 2 से 2.5 लाख मरीज इस योजना का लाभ उठा रहे है।
इस बारे में मीडिया से बात चिकित्सा मंत्री ने कहा कि यह योजना हमारी सरकार का ड्रीम-ट्रीम प्रोजेक्ट है, जिसको दिन प्रतिदिन मजबूत किया जा रहा है। पहले कैंसर, हार्ट एवं किडनी सहित अन्य गंभीर बीमारियों की दवाईयां महंगी होने की वजह से इनका उपचार कराने पर गरीब आदमी पर आर्थिक बोझ पड़ता था। इसलिए जनघोषणापत्र में कैंसर, हार्ट रोग, किडनी सहित अन्य गंभीर बीमारियों की दवाईयों को निशुल्क दवा योजना में शामिल करने वादा किया गया था। उस वादे को निभाते हुए मुख्यमत्री अशोक गहलोत ने अपने पहले बजट भाषण में ही कैंसर, हार्ट रोग, किडनी सहित अन्य गंभीर बीमारियों की 104 तरह की नई दवाईयोंं को मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना में शामिल करने की घोषणा की।