राजस्थान सरकार ने पशुपालन के लिए बनाए नये नियम

Dr. CHETAN THATHERA
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जयपुर/ राजस्थान की अशोक गहलोत ने कांग्रेस सरकार ने अब राजस्थान में पशुपालन के लिए नए नियम लागू कर दिए हैं नए नियमों के अनुसार शहर की 90 प्रतिशत आबादी गाय भैंस नही पाल सकती है और वही पालतू गाय भैंस या पशु बाजार में आवारा पाया गया तो भारी भरकम जुर्माना अदा करना पड़ेगा पशुपालन के नए नियम से शहर की सड़कों पर घूमने वाले आवारा पशुओं से शहर वासियों को राहत मिलेगी लेकिन वहीं दूसरी ओर गाय भैंस पालने वाले पशुपालकों के लिए नए नियम गले की फांस बनेंगे। नए नियमों के जरिए प्रदेश के 213 शहरों में गाय- भैंस पाली जा सकेगी ।

राजस्थान के शहरी क्षेत्रों में अब पशुपालकों के लिए नए नियम लागू कर दिए गए हैं। इन नियमों के मुताबिक प्रदेश के 213 शहरों में अब एक ही गाय या भैंस पाली जा सकेगी। इसके लिए भी कम से कम 100 वर्गगज जमीन अलग तय कर निगम या पालिका से लाइसेंस लेना होगा। स्वायत्त शासन विभाग ने नए गोपालन नियम लागू कर दिए हैं। इसके तहत पशु मालिक को पाबंद किया गया है कि पड़ोस में रहने वालों को गोबर-मूत्र आदि से कोई परेशानी न हो।

10 दिन में गोबर शहर से बाहर फेंकना होगा

नए नियमों के मुताबिक अब हर पशु के कान में टैग बांधना होगा, जिस पर मालिक का नाम, पता व मोबाइल नंबर लिखना होगा। पशु बाहर घूमता पाया गया तो 10 हजार रु. तक जुर्माना होगा। हर 10 दिन में पशु का मल शहर से बाहर ले जाकर डालना होगा। रास्ते या खुले स्थान पर पशु को बांधा नहीं जा सकेगा। पशुपालक कूड़ेदान में एकत्र गोबर आदि को हर 10 दिन में निगम या निकाय की सीमा से बाहर ले जाएगा, केंचुआ खाद बना सकेगा। लाइसेंस की शर्तों का उल्लंघन होने पर 1 माह के नोटिस पर लाइसेंस रद्द होगा, उसके बाद पशु नहीं पाल सकेंगे।

नए नियमों में ये शर्तें भी शामिल

गाय या भैंस बांधने के स्थान का पशु घर के रूप में 1 हजार रुपए चुकाकर लाइसेंस लेना होगा। बिना लाइसेंस चारा बेचा तो जुर्माना भरना पड़ेगा।

पशु लावारिस घूमता मिला तो प्रति पशु 500 रुपए परिवहन और 100 रुपए प्रतिदिन चारे के वसूले जाएंगे। लाइसेंसशुदा पशु के सड़क या बाहर मिलने पर पहली बार 5 हजार और दूसरी बार 10 हजार जुर्माना लगेगा। शहरों में सार्वजनिक स्थान पर रिजका, चारा की बिक्री नहीं कर सकेंगे। बिना लाइसेंस चारा बेचने पर 500 रुपए जुर्माना लगेगा।हर साल 31 मार्च को लाइसेंस की अवधि खत्म होगी, 1 अप्रैल को शुल्क देकर नया लाइसेंस लेना होगा।पशु घर 100 वर्गगज का रखने के साथ 200 वर्गफीट तक कवर करना, 250 वर्गफीट तक खुला रखना जरूरी होगा।

पशुघर के ऊपर कोई मकान आदि रहवासी स्थान नहीं बना सकेंगे।

कोई पशुपालक गाय या भैंस का दूध, दही, मक्खन आदि बेच नहीं सकेगा, स्वयं के उपयोग के लिए ही पशु रखेंगे।पशुघर में गड्ढा बनाकर गोबर-मूत्र आदि एकत्र करना होगा और गंदगी पाए जाने पर 5000 रुपए जुर्माना लगेगा।

90 % आबादी पर होगा नए नियमों का असर

जिन लोगों के मकान 500 वर्गमीटर से बड़े होंगे, वे ही 100 वर्गगज जमीन एक गाय बछड़े के लिए अलग रख सकते हैं। शहरों में 500 वर्गमीटर से बड़े आवासों वाले लोग 10% भी नहीं हैं। यानि 90% आबादी गाय-भैंस नहीं पाल पाएगी।

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चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा,सी ई ओ, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम