Jaipur News – कोटा के जेके लोन अस्पताल में 36 दिन में 110 बच्चों की मौत के मामले में उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट (Sachin Pilot )के जिम्मेदारी तय होनी चाहिए के दो टुक बयान के बाद घमासान मच गया है।
सचिन पायलट का यह बयान सीधे तौरे से चिकित्सा मंत्री डॉ.रघु शर्मा (Raghu Sharma)की जिम्मेदारी तय करने से जोड़कर देखा गया। बयान से मचा बवाल थमता उससे पहले खुद चिकित्सा मंत्री ने रविवार को पायलट को भी अपनी जिम्मेदारी समझने का बयान दे डाला।
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि अस्पताल की सार-संभाल का जिम्मा सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD)का भी है, लेकिन कोटा के अस्पताल में खिड़की-दरवाजे टूटे मिले, सीवरेज का पानी आ रहा है, छत टपक रही है। चिकित्सा विभाग ने को मरम्मत के लिए पत्र लिखा था। ऐसे में जवाबदेही तो सबकी सुनिश्चित होनी चाहिए। बता दें कि प्रदेश में सार्वजनिक निर्माण विभाग(पीडब्ल्यूडी) का जिम्मा उप मुख्यमंत्री के पास है।
मीडिया में दिए गए अपने बयान में चिकित्सा मंत्री ने यह भी कहा कि जो जनप्रतिनिधि आज सवाल उठा रहे हैं वे भी आरएमआर की बैठक में नहीं जाते । अस्पताल के पास छह करोड़ का कोष पड़ा है। यदि वे जाते तो इस कोष का उपयोग हो सकता था । हालत आज जैसे नहीं होते।
कांग्रेस आलाकमान सोनिया गांधी(Sonia Gandhi) निर्देश के बाद कोटा दौरे पर पहुंचे पायलट ने शनिवार को बच्चों की मौत पर अपनी ही सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हमें जिम्मेदारी तय करनी होगी। पायलट ने कहा कि पहले क्या हुआ इस पर चर्चा नहीं होनी चाहिए। भाजपा को जनता ने हरा दिया, लेकिन अब जिम्मेदारी हमारी है।
पार्टी सूत्रों की माने तो जिम्मेदारी तय होनी चाहिए का पायलट का कोटा में दिया गया बयान कांग्रेस आलाकमान का रुख है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान ने इस मामले में साफ कहा था कि जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। अस्पताल में लगातार हो रही मौते का मामला कांग्रेस अध्यक्ष के पास पहुंचने के बाद मामले में प्रदेश प्रभारी अविनाश पाण्डे को तलब किया गया था । पार्टी के केन्द्रीय नेताओं के साथ इस मसले पर चर्चा भी की गई थी बाद में पायलट को कोटा जाकर मामले को देखने के निर्देश दिए गए थे।
इधर शनिवार को पायलट के कोटा में दिए गए बयान के बाद कांग्रेस में अंदरखाने में राजनीति गरमा गई। उपमुख्यमंत्री पायलट के इतने दिनों बाद कोटा जाने पर भी सवाल उठ रहे हैं। कांग्रेस नेताओं के बीच चर्चा में प्रदेश प्रभारी अविनाश पाण्डे के शनिवार को जयपुर तक आने,लेकिन कोटा नहीं जाने पर भी सवाल उठे रहे हैं।