राणा कपूर ने लिखी यस बैक की बर्बादी की कहानी,और बैंक आ गया संकट मे

liyaquat Ali
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New Dehli (चेतन ठठेरा) । देश के निजी क्षेत्र के चौथे सबसे बड़े बैंक, यस बैंक (YES BANK) दीवालिया हो गया । बैक के इस दीवालियापन मे पहुंचाने के लिए बैंक के पूर्व सीईओ राणा कपूर जिम्मेदार है । राणा को आखिर आज थडके ईडी ने गिरफ्तार कर लिया और उसके देश छोडने पर भी पांबदी लगा दी है ।

अगस्त 2018 में जिस बैंक के शेयर का भाव 400 रुपये तक का था। बैंक की कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन 90 हजार करोड़ रुपये तक की थी और अब वह 9 हजार करोड़ ही रह गयी है।

संस्थापक राणा कपूर के मुम्बई स्थित निवास पर शुक्रवार रात  ईडी ने तलाशी ली और उनके देश छोड़ने पर प्रतिबंध लगा थी और आज तडके उसे गिरफ्तार भी कर लिया ।  एक हजार ब्रांच के साथ देश में बैंकिंग कर रहे यस बैंक (YES BANK) के समक्ष वित्तीय संकट वर्ष 2018 में ही सामने आने लगा था।

किसने की थी यस बैक की स्थापना

दिल्ली में जन्म लेने वाले राणा कपूर ने अपने रिश्तेदार अशोक कपूर के साथ मिलकर यस बैंक (YES BANK) की स्थापना की थी। अशोक कपूर की मृत्यु के उपरांत राणा कपूर सर्वेसर्वा हो गये थे। वे बैंक के चेयरमैन भी थे, जिन्हें पिछले साल जबरन हटा दिया गया था।

बैक ने क्या किया

खराब वित्तीय दौर से गुजर रही अनेक कंपनियों को यस बैंक ने लोन दिये। इनमें अनिल अम्बानी समूह, आईएल एण्ड एफएस, दीवान हाउसिंग फायनेंस लिमिटेड, इंडिया बुल्स और जेट एयरवेज आदि शामिल हैं।

कैसे डूबा बैंक


आईएल एण्ड एफएस पर लगभग 90 हजार करोड़ की वित्तीय देनदारी हैं। इस कंपनी की बर्बादी के साथ यस बैंक के भी बुरे दिन आरंभ हो गये थे। आईएल एण्ड एफएस को रिटायर्ड नौकरशाहों की आकाश गंगा कहा जाता रहा है। यह कंपनी रिटायर्ड नौकरशाहों की बदौलत विभिन्न राज्यों में लॉबिंग कर अनुबंध प्राप्त करती थी।

इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में इस कंपनी ने अनेक सड़क, सुरंग, मैट्रो रेल पुल आदि का निर्माण किया। बड़े अनुबंध बंद हुए तो वेतन का संकट भी कंपनी कर्मचारियों के समक्ष आ गया। विभिन्न निर्माण कार्यों में अयोग्य इन्फ्रा परियोजनाओं का सरकार द्वारा अनुपालन न करने से नकदी का सामना यह कंपनी करने लगी।


दीवान हाउिसंग फायनेंस लिमिटेड (DHFL) भी रियल इस्टेट में आयी सुस्ती और अन्य कारणों वित्तीय संकट का सामना कर रही थी। इस कंपनी ने भी यस बैंक से ऋण प्राप्त किया। राणा कपूर ने व्यक्तिगत रूप से लोन प्रक्रिया पूरी करने में मदद की। इस कंपनी पर 80 हजार करोड़ रुपये के ऋण हैं। देश की प्रमुख निजी कंपनी जेट एयरवेज की भी बर्बादी की कहानी दुनिया के सामने आ चुकी है। यह कंपनी भी यस बैंक से लोन प्राप्त करने वाली कंपनी थी और इसकी वित्तीय देनदारी भी 8 हजार करोड़ के करीब थी। 5 हजार करोड़ की देनदारी के चलते डिप्रेशन में पहुंचे कैफे कॉफी डे के संस्थापक वीजी सिद्धार्थ ने जुलाई 2019 में आत्महत्या कर ली थी। इस कंपनी को भी यस बैंक ने ही लोन दिया हुआ था। यस बैंक से ऋण प्राप्त करने वालों में अनिल अम्बानी ग्रुप भी शामिल था। अनिल अम्बानी ग्रुप की कुल देनदारियां 1 लाख 70 हजार करोड़ रुपये बतायी गयी हैं


राणा कपूर ने इन सभी कंपनियों को लोन देने में व्यक्तिगत रुचि ली। नियमों को भी अनदेखा करने के आरोप उन पर हैं। यस बैंक ने 6 हजार करोड़ रुपये का लोन एनपीए मान लिया था। इसके बाद आरबीआई ने बैंक में अनियमितताओं को पकड़ा और आखिर में राणा कपूर को चेयरमैन पद से हटा दिया गया।
कुछ बैंक और आ सकते है संकट मे

बढ़ते बैडलोन के कारण अनेक सार्वजनिक बैंक की साख कमजोर हुई है। आईएल एण्ड एफएस तथा अनिल अम्बानी जैसे ग्रुप की कमजोर आर्थिक हालात के कारण आने वाले समय में कुछ अन्य बैंक भी वित्तीय संकट में फंस सकते हैं। आईएल एण्ड एफएस में भारतीय जीवन बीमा निगम ने भी भारी निवेश किया हुआ है।

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