- सामाजिक न्याय व अधिकार जागरूकता यात्रा भीलवाड़ा पहुंची
Bhilwara News (मूलचन्द पेसवानी) – दलित अधिकार नेटवर्क राजस्थान व राज्य के अन्य दलित आदिवासी घुमंतु अल्पसंख्यक मजदूरों व सहयोगी संगठनों की ओर से 26 नवंबर को जोधपुर से शुरू की गई सामाजिक न्याय व अधिकार जागरूकता यात्रा रायपुर, करेड़ा व गंगापुर होते हुए सोमवार को भीलवाड़ा पहुंची। यहां से यात्रा बिजौलियां जाएगी, जहां रात्रि विश्राम होगा। यहां कलेक्टर की अनुपस्थिति में एसडीएम को ज्ञापन सौंपा।
दलित अधिकार नेटवर्क राजस्थान के राज्य संयोजक तुलसीदास राज की अगुवाई में भीलवाड़ा पहुंची यात्रा 15 सूत्री मांगों को लेकर निकाली जा रही है। यह यात्रा 20 दिसंबर को जयपुर पहुंचेगी और मांग पत्र मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव को सौंपा जाएगा। इनकी मांगों में 2 अप्रैल 2018 के दलित आंदोलन में पुलिस द्वारा दर्ज मामले वापस लेने, घुमंतु, अर्द्धघुमंतु एवं विमुक्त जाति कल्याण बोर्ड का गठन किया जाए और विकास के लिए 100 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया जाए। मांगपत्र में दलित महिला-पुरुषों के साथ अत्याचार निवारण के लिए अलग विभाग बनाने, घुमंतु परिवार के पुनर्वास का समाधान करने सहित श्मशान भूमि आवंटित करने, राज्य अनुसूचित जाति आयोग को प्रभावी बनाने के लिए उसे और अधिकार प्रदान किए जाने, अल्पसंख्यक समाज के विकास के लिए मुस्लिम विकास उप योजना लागू करने, राजस्थानी काश्तकारी अधिनियम की धारा 183 एबीसी के प्रावधान कठोरता से लागू करने व इसके तहत दर्ज प्रकरणों का शीघ्र निस्तारण कर दलितों की लाखों बीघा भूमि को मुक्त कराने का विशेष अभियान चलाने, कालेबेलिया व सपेरा जाति के लोगों को पंचायत की ओर से अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र देने सहित अन्य मांगें की गई है।
इस बीच शहर के एक होटल में आयोजित पत्रकार वार्ता में दलित अधिकार नेटवर्क राजस्थान के राज्य संयोजक तुलसीदास राज ने कहा कि प्रदेश में दलित महिलाओं व बच्चियों के साथ दुष्कर्म सहित जाति आधारित अत्याचार हो रहे हैं। प्रशासनिक पदों पर बैठे लोगों की दलितों के प्रति उदासीन मानसिकता, जाति आधारित संगठित गिरोह, भ्रष्टाचार के कारण प्रदेश में भय का वातावरण बना हुआ है। इससे हाशिये पर खड़े दलित, वंचित, शोषित, मजदूर व महिला वर्ग को संविधान में प्रदत्त गरिमामय जीवन जीने, सुरक्षा, आजीविका, शिक्षा, स्वास्थ्य व आवास के अधिकार नहीं मिल पा रहे हैं। इस स्थिति को देखते हुए यह यात्रा निकाली जा रही है। पत्रकार वार्ता में प्रदेशाध्यक्ष पूनमनाथ सपेरा, मानवाधिकार कार्यकर्ता महादेव व सामाजिक कार्यकर्ता अमानत बानो भी मौजूद थे।