Jaipur News – मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के सभी अस्पतालों में नवजात बच्चों की विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा समुचित देखभाल और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को गहन मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कोटा स्थित जेके लोन अस्पताल में नवजात बच्चों की मौतों के प्रकरण में विशेषज्ञ चिकित्सकों और विषय विशेषज्ञों की उच्चस्तरीय समिति गठित कर जल्द से जल्द रिपोर्ट देने के भी निर्देश दिए हैं, ताकि भविष्य में नवजातों की मौतों में कमी लाने के लिए उचित कदम उठाए जा सकें। गहलोत ने शनिवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में एक उच्चस्तरीय बैठक में कहा कि सरकारी अस्पतालों में संस्थागत प्रसव और नवजातों की देखभाल की गहन मॉनिटरिंग एवं प्रभावी पर्यवेक्षण सुनिश्चित किया जाए। इसके लिए स्टेट न्यूबोर्न रिसोर्स सेन्टर को और अधिक सुदृढ़ बनाया जाए ताकि शिशु मृत्यु दर को और कम किया जा सके।
0 में से 6 बच्चे गम्भीर हालत में दूसरे अस्पतालों से आए थे
बैठक में मुख्यमंत्री को बताया गया कि कोटा के जेके लोन अस्पताल में बीते दिनों हुई मौतें प्राथमिक जांच के अनुसार बच्चों की संक्रमण फैलने से नहीं हुई हैं। 23 और 24 दिसम्बर को हुई 10 नवजात की मौतों में से 6 को दूसरे अस्पतालों से गम्भीर हालत में जेके लोन अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इन 10 बच्चों में से 5 की उम्र एक माह से कम थी। ये बच्चे जन्म से ही सांस नहीं ले पाने, गम्भीर निमोनिया तथा जटिल हृदय रोगों से ग्रसित होने के कारण वेंटिलेटर पर थे।
मुख्यमंत्री ने बैठक के बाद मीडिया से कहा कि राज्य सरकार मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को और कम करने के लिए संकल्पित है। ऐसे मेें एक भी बच्चे की मृत्यु होना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के नागरिकों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए निरोगी राजस्थान अभियान शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा एवं जांच योजनाओं में भी दवाओं और जांचों की संख्या बढ़ाई गई है। उन्होंने मीडिया के माध्यम से आ रही बेबुनियाद खबरों को वास्तविकता से परे बताते हुए कहा कि हमारी पिछली सरकार के 5 वर्षों एवं इस सरकार के एक साल में स्वास्थ्य के क्षेत्र में उठाए गए कदमों से शिशु एवं मातृ मृत्यु दर में कमी आई है। मां और बच्चा सुरक्षित रहे यह हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।