जयपुर। बीते डेढ़ साल पहले राजस्थान में आए सियासी संकट के दौरान चर्चाओं में रहा फोन टैपिंग का मामला एक बार फिर से सुर्ख़ियों में है। फोन टैपिंग मामले में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक बार फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा को नोटिस जारी करके तलब किया है, जिस पर मुख्यमंत्री गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा आज दिल्ली क्राइम ब्रांच के सामने हाजिर हुए जहां जहां दिल्ली क्राइम ब्रांच फोन टैंपिंग से जुड़े मामलों को लेकर उनसे सवाल-जवाब कर रही है।
बढ़ सकती है लोकेश शर्मा की मुश्किलें
दरअसल फोन टेपिंग मामले में दिल्ली पुलिस कई बार मुख्यमंत्री के ओएसडी लोकेश शर्मा पर सहयोग नहीं करने की बात कर चुकी है। हालांकि दिल्ली हाईकोर्ट ने लोकेश शर्मा को जांच में सहयोग करने आदेश देते हुए उनकी गिरफ्तारी पर लगी रोक को बरकरार रखा है। 14 जुलाई तक लोकेश शर्मा की गिरफ्तारी पर रोक लगी हुई है। माना जा रहा है कि इस मामले को लेकर दिल्ली क्राइम ब्रांच हाईकोर्ट में अपील भी कर सकती है।
9 मई को हुई थी फोन टेपिंग मामले में सुनवाई
इससे पहले फोन टैपिंग मामले को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में 9 मई को सुनवाई हुई थी, जिसमें 40 मिनट तक दोनों पक्षों में बहस हुई थी और उसके बाद सुनवाई की अगली तारीख 14 जुलाई तय कर दी गई थी।
नोटिस मिलते ही चिंतन शिविर छोड़ दिल्ली पहुंचे लोकेश शर्मा
इधर गुरुवार को दिल्ली पुलिस की ओर से नोटिस मिलने के बाद लोकेश शर्मा उदयपुर का चिंतन शिविर छोड़कर शुक्रवार रात दिल्ली पहुंच गए थे।
पहले भी 4 बार जारी हो चुके हैं नोटिस
फोन टैपिंग मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा को पहले भी चार बार नोटिस जारी हो चुके हैं लेकिन वह सिर्फ एक बार 6 दिसंबर को क्राइम ब्रांच के सामने पेश हुए थे। हालांकि लोकेश शर्मा ने दिल्ली पुलिस की एफआईआर को क्षेत्राधिकार का हवाला देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में अपील की हुई है।
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कराई थी एफआईआर
इधर राजस्थान में फोन टेपिंग मामले को लेकर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित कई अन्य नेताओं पर निजता का उल्लंघन का आरोप लगाते हुए दिल्ली पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाई थी। जिसके बाद दिल्ली पुलिस अब इस मामले की जांच कर रही है। गौरतलब है कि सियासी संकट के सचिन पायलट कैंप की ओर से बगावत करने के बाद सरकार पर फोन टैपिंग के आरोप लगाए गए थे। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और अन्य नेताओं के भी फोन टैपिंग के आरोप लगाए गए थे जिस पर यह मामला तब सुर्खियों में रहा था।