PFI के प्लान B का खुलासा,क्या जानें, राजस्थान में PFI के सर्वाधिक सदस्य

Dr. CHETAN THATHERA
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नई दिल्ली/ राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए(NIA) ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया(PFI) द्वारा आतंकवादियों को आर्थिक मदद तथा आतंक का प्रशिक्षण और देश विरोधी गतिविधियां दंगे भड़काने में हाथ हनेने के सबूतों के बाद कल देशभर के 11 राज्यों में 100 से अधिक पीएफआई के ठिकानों पर किए गए सर्च ऑपरेशन और 106 से अधिक पीएफआई के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के साथ ही जांच एजेंसी एनआईए की जांच में (PFI) के प्लान B का भी खुलासा हुआ है।

 

सूत्रों के अनुसार जांच एजेंसियों को जांच में चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है कि पीएफआई (PFI) ने केंद्र सरकार द्वारा इस पर प्रतिबंध लगाने की आशंका और प्रतिबंध लगाने के बाद अपनी गतिविधियों को संचालित करते रहने के लिए प्लान B भी तैयार किया था ताकि वह इस प्लान के जरिए अपने नापाक मंसूबों को जारी रख सकें। और अगर इसे यूं कहें की पीएफआई (PFI) ने सरकार द्वारा प्रतिबंध लगा देने के बाद भी अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए पहले से ही प्लान बी के तहत कई संगठन तैयार कर लिए जिनके जरिए देश में अपने एजेंडे को जारी रख सकें इसके लिए(PFI) ने पूरा प्लान बनाया हुआ था लेकिन इसकी भनक जांच एजेंसियों को लगते ही एजेंसी ने इसका पर्दाफाश कर दिया। 

 

सूत्रों के अनुसार आंतरिक सुरक्षा कार्यालय के कुछ इस तरह दस्तावेजों के अनुसार संगठन को सरकारी एजेंसियों पर प्रतिबंध से बचने और आतंकी एजेंडा फैलाने के तैयार किया गया है और इस प्लान बी के तहत(PFI) द्वारा जो संगठन बनाए गए हैं उनमें प्रमुख रूप से है ।

 

1– नेशनल डेमोक्रेटिक ट्रेड यूनियन

2– रिहैब इंडिया फाउंडेशन

3– एचआरडीएफ

4– राष्ट्रीय महिला मोर्चा

5– केंपस फ्रंट ऑफ इंडिया

6– अखिल भारतीय इमाम परिषद

7– नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमर राइट आर्गेनाईजेशन

8– अखिल भारतीय कानूनी परिषद

9– सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया

 

राजस्थान मे PFI की जडें काफी गहरी

 

सूत्रो के अनुसार पिछले कुछ समय से राजस्थान में भी पीएफआई की सक्रियता काफी हुई है और इसकी जड़ें गहरी बनी है और राजस्थान में इसके सबसे ज्यादा सक्रिय सदस्य हैं । यहां कहीं मुस्लिम स्कॉलर्स( विद्यार्थी) और मौलाना पीएफआई से जुड़े हुए हैं इसका प्रत्यक्ष उदाहरण कर्नाटक में हुए हिजाब प्रकरण के बाद कोटा में फरवरी माह में पीएफआई द्वारा एक विशाल रैली निकाली गई थी और इसके अलावा अजमेर दरगाह के अंजुमन सैयद जादगान सचिव सैयद सरवर चिश्ती का भी कई अवसर पर पीएफआई(PFI) का कनेक्शन सामने आ चुका है

 

PFI को आर्थिक मदद कैसे मिलती

 

पीएफआई को ज्यादातर आर्थिक मदद उनकी सदस्यता फीस और जकात के माध्यम से होती है इसके पदाधिकारी लगातार उन देशों की यात्रा भी करते हैं और खाड़ी देशों तथा इस्लामिक देशों से जकात के नाम पर पीएफआई को बड़ी राशि आर्थिक मदद के रूप में मिलती है इसके अलावा और कई बार हवाला के जरिए भी आर्थिक उगाही के आरोप पीएफआई पर लगते रहे हैं।

 

 

राजस्थान मे PFIका आतंकी कनेक्शन की घटनाएं

 

करौली- 2 अप्रैल को हिंदू नव वर्ष के मौके पर भडके कर दंगे । इन दंगो मे 35 दुकाने एक मकान हुए आगजनी के हवाले कई वाहन तोड़ दिए गए और आग के हवाले किए गए 5 पुलिसकर्मी सहित करीब 40 से अधिक घायल हुए थे दंगों की जांच पड़ताल में सामने आया कि करौली के पार्षद मतलूब अहमद के इशारे पर यह दंगे हुए थे और इनमें पीएफआई के हाथ होने की भी बात सामने आई थी घटना के बाद एक पखवाड़े के अंदर देश के करीब 9 राज्यों में 10 अवसर पर सांप्रदायिक हिंसा हुई थी और यह सभी घटनाएं एक ही तरह से हुई थी।

 

जोधपुर- 3 मई को जोधपुर में अक्षय तृतीया के दिन झंडा लगाना को लेकर हुआ विवाद हिंसा में बदल गया घर और दुकानों में तेजाब और पेट्रोल की बोतलें फेंकी गई तथा हुए इस घटना की जांच पड़ताल में सामने आया कि शहर में आतंक मचाने के लिए बाहर से लोग आए थे और उनका साथ स्थानीय कट्टरपंथियों ने दिया था तथा इसमें भी पीएफआई का हाथ सामने आया था।

 

भीलवाड़ा- 4 मई को शहर के उपनगर सांगानेर में रात को कर्बला के पास बैठे मुस्लिम समुदाय के दो युवकों पर 8 से 10 लोगों ने हमला कर दिया और दोनों की जमकर मारपीट करने के बाद उनकी बाइक जला दी थी इसके बाद 10 मई कि रात को 11:00 बजे शहर के शास्त्री नगर में युवकआदर्श तापड़िया की सीने में चाकू घोंप कर हत्या कर दी गई 11 मई को परीक्षा देकर लौट रहे छात्रों पर चाकू से हमला कर दिया गया इन तीनों ही मामलों में जांच पड़ताल में सामने आया कि आरोपी दंगा भड़काना चाहते थे हालांकि इन घटनाओं में पीएफआई का सीधा कनेक्शन सामने नहीं आया था।

 

उदयपुर- 28 जून को उदयपुर में कन्हैया लाल साहू दर्जी की भाजपा की निलंबित पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के समर्थन में कन्हैया लाल के बेटे द्वारा पोस्ट डालने के बाद उसकी तालिबानी ढंग से हत्या कर दी गई हत्यारों ने कन्हैया लाल की हत्या से पहले और हत्या के बाद वीडियो बनाकर वायरल भी किया था और इस मामले में की गई जांच पड़ताल में पीएफआई से जुड़े लोगों का कनेक्शन सामने आया था।

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चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा,सी ई ओ, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम