हाईकोर्ट ने एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए राज्य सरकार को एमसीआई की अनुमति के आधार पर नीट काउन्सलिंग दूसरा राउंड करने को कहा है। अदालत ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने तय प्रक्रिया 31 अगस्त तक पूरी करने के निर्देश दे रखे हैं। इसके लिए चाहे तो रात-दिन काम लिया जा सकता है। न्यायाधीश आलोक शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश प्रद्युम्न माडिया व अन्य की ओर से दायर याचिकाओं का निपटारा करते हुए दिए।
अधिवक्ता तनवीर अहमद ने बताया कि यह दूसरे राउंड की काउन्सलिंग और मोपअप राउंड का मिश्रण होगा। इसके अलावा इसमें पहले से चयनित छात्र अपग्रेडेशन के तहत सीटों की उपलब्धता के आधार पर सीटों का पहले से बेहतर चयन कर सकेंगे। इसमें नए छात्रों का रजिस्ट्रेशन नहीं होगा और पहले से पंजीकृत छात्र ही भाग ले सकेंगे और इसमें रोस्टर आरक्षण लागू होगा।
याचिका में कहा गया था कि नीट के पहले राउंड की काउन्सलिंग के बाद दूसरे राउंड की काउन्सलिंग ऑफ लाइन के बजाए ऑन लाइन ही कराई गई। इसमें कई ऐसे छात्रों ने भी सीट ब्लॉक कर दीं जो पहले ही दूसरे कॉलेज में एडमिशन ले चुके थे। इसके परिणाम यह रहा कि मोपअप राउंड में 705 सीट रिक्त रह गई।
इसमें एसएमएस मेडिकल कॉलेज की बीस सीटें भी शामिल हैं। वहीं निचली मैरिट वाले उच्च मैरिट वालों से आगे निकल गए। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने अदालत को बताया कि पहले राउंड के बाद अनियमिता हो गई थी। ऐसे में दूसरे राउंड की काउन्सलिंग और सीटों के अपग्रेडेशन के लिए के लिए एमबीआई को पत्र लिखा गया था। एमसीआई ने इसकी स्वीकृति दे दी है। इस पर अदालत ने एमसीआई की अनुमति के आधार पर काउन्सलिंग कराने को कहा है।