होलिका दहन किस दिन होगा ? जानें क्यों और कब करें दहन, पढ़े ख़बर

Dr. CHETAN THATHERA
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भीलवाड़ा/ बुराई पर अच्छाई का प्रतीक और रंगों का त्योहार होली को मात्र अब 1 सप्ताह बचा है लेकिन इस होली का बहन को लेकर संशय पैदा हो गया है या इसे यूं कहें तो अतिशयोक्ति नहीं होगी कि ग्रह नक्षत्रों ने होलिका दहन को लेकर संशय कर दिया है इस बार होलिका दहन पर भद्रा का साया होने से यह संशय पैदा हुआ है ।

होलिका दहन 2 दिन मनाया जाएगा । 1 दिन फिर किन राज्यों में और दूसरे दिन होलिका दहन होगा और किन राज्यों में दूसरे दिन होलिका दहन होगा आइए जानते हैं ज्योतिष नगरी कारोई के ज्योतिष डॉक्टर पंडित गोपाल पुत्र नानूरामउपाध्याय के अनुसार

कारोई के वेद गायत्री ज्योतिष अनुसंधान केंद्र के ज्योतिष डॉक्टर पंडित गोपाल उपाध्याय के अनुसार फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा पर मनाए जाने वाला होलिका दहन पर्व इस बार दो दिन मनाया जाएगा?

देश के अधिकांश हिस्सों में जहां 6 मार्च को होलिका दहन होगा तो दूसरी और पूर्वी राज्यों में 7 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा। ऐसा इस बार पृथ्वी लोक मे भद्रा के चलत हो रहा है।

ज्योंतिषियों के अनुसार होलिका दहन का धर्मसिंधु एवं अन्य शास्त्रों में जो विधान बताया है उसके अनुसार फाल्गुन शुक्ल की प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा के दिन भद्रा रहित काल में किए जाने का है। 

क्या है शास्त्रसमत मत

इस बार फाल्गुन पूर्णिमा 6 मार्च सोमवार को दोपहर 4:18 से शुरू होगी, जो 7 मार्च मंगलवार को शाम 6:18 बज तक रहेगी। ऐसे में प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा 6 मार्च को रहेगी। वहीं पूर्वी भारत के कुछ राज्यों में पूर्णिमा दो दिन प्रदोष व्यापिनी रहेगी।

ज्योतिषि बताते है कि कि 6 मार्च को ही दोपहर 4:18 से भद्रा शुरू हो जाएगा जो 7 मार्च को शाम 5.14 बजे तक रहेगी। उन्होंने बताया कि भद्रा की इस अवस्था को देखते हुए होलिका दहन के लिए कुछ नियम बताए गए हैं।

इनके अनुसार यदि भद्रा मध्यरात्रि से आगे सुबह तक चली जाए और भद्रा पुच्छकाल भी मध्यरात्रि से आगे चला जाए तो होलिका दहन प्रदोषकाल व्यापिनी पूर्णिमा के दौरान भद्रा में ही कर लेना चाहिए।

इसी प्रकार एक अन्य नियम के अनुसार यदि पहले दिन प्रदोषकाल में भद्रा हो तथा दूसरे दिन पूर्णिमा प्रदोषकाल तक नहीं हो तथा दूसरे दिन पूर्णिमा साढ़े तीन प्रहर या इससे अधिक समय तक हो, तब अगले दिन प्रदोष काल में होलिका दहन करना चाहिए। 

होलिका दहन किन राज्यों में  कब और क्यों

भारत के पूर्वी राज्य एवं नगर जिनमें सूर्यास्त 7 मार्च को 6:10 बजे से पहले होगा वहां पूर्णिमा दो दिन प्रदोष व्यापिनी रहेगी। वहां 7 मार्च को होलिका दहन प्रदोषकाल में किया जाएगा। क्योंकि पहले दिन पूर्णिमा भद्रा से दुषित रहेगी।

भारत के पूर्वी राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, बिहार, पश्चिम बंगाल, असम आदि राज्यों में 7 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा।

होलिका दहन कब श्रेष्ठ

ज्योतिष डॉ. उपाध्याय का कहना है कि 7 मार्च को पूर्णिमा साढ़े तीन प्रहर से अधिक की हो गई है। लेकिन इससे आगे प्रतिपदा तिथि का काल पूर्णिमा से कम है। इससे यह हृासगामिनी हो गई है। इसलिए होलिका दहन 6 मार्च को ही गोधूली बेला (सूर्यास्त बाद) 6.38 मिनट से 9.06 के बीच में भद्रा के दौरान ही होलिका दहन होगा । करना श्रेष्ठ रहेगा।

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चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा,सी ई ओ, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम