टोंक। वर्ष 2022 के रबी सीजन में टोंक जिले का रबी फसल का अनुमानित क्षेत्रफल लगभग 4 लाख 20 हजार हैक्टेयर होने की संभावना है, जो वर्ष 2021 की तुलना में 10 से 15 प्रतिशत अधिक है। 2022 में रबी फसल की अधिक बुवाई होने के कारण जिले में उर्वरक की अधिक मांग रहने की संभावना है।
इस को देखते हुए जिला कलेक्टर के निर्देशों के तहत जिले में खाद एवं उवर्रक की क्षेत्रीय मांग एवं वितरण के लिए ब्लॉक वार निरीक्षण एवं उसके प्रभावी नियंत्रण के लिए कमेटी का गठन किया गया है।
उन्होंने निर्देश दिए है कि कमेटी के सदस्य सक्रिय रहकर खाद एवं उवर्रक के सुचारू वितरण के साथ-साथ किसी भी अनियमितता एवं कालाबाजारी पर पूर्णतः नियंत्रण रखना सुनिश्चित करेंगे।
जिला कलेक्टर चिन्मयी गोपाल ने बताया कि 8 अक्टूबर शनिवार को पंचायत समिति देवली व उनियारा में तहसीलदार, सहकारिता विभाग के निरीक्षक विनोद पहाड़िया, कृषि विस्तार के सहायक निदेशक बाबूलाल यादव, कृषि अधिकारी कौशल कुमार सौमाणी, इसी तरह 9 अक्टूबर रविवार को पंचायत समिति मालपुरा एवं टोडारायसिंह में सम्बन्धित तहसीलदार, सहकारिता विभाग के निरीक्षक ओमप्रकाश चौधरी, कृषि विस्तार के सहायक निदेशक नागरमल यादव, कृषि अधिकारी विनोद कुमार वर्मा के निर्देशन में खाद एवं उवर्रक के सुचारू वितरण एवं किसी भी अनियमितता एवं कालाबाजारी पर नियंत्रण करना सुनिश्चित करेंगे।
जिला कलेक्टर ने फिल्ड मंे जाकर किसानों से की बात
जिला कलेक्टर चिन्मयी गोपाल ने जिले में खाद एवं उवर्रक का सुचारू वितरण के सम्बन्ध में फिल्ड में जाकर किसानों से बात की। जिला कलेक्टर ने शुक्रवार को ग्राम पंचायत मेहन्दवास, छान, बगड़ी, पीपलू का दौरा कर जीएसएस, निजी खाद विक्रेता एवं गोदामों का निरीक्षण किया।
साथ ही खाद एवं उवर्रक के निर्धारित रेट पर दिये जाने की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने किसानों से पूछा कि जीएसएस एवं निजी खाद विक्रेताओं के प्रतिष्ठानों से खाद एवं उवर्रक किस रेट पर मिल रहा है।
किसानों द्वारा बताया गया कि खाद एवं उवर्रक उन्हें निर्धारित रेट पर दिया जा रहा है लेकिन यह मांग के अनुरूप नहीं मिल पा रहा हैं।
जिला कलेक्टर ने कृषि विभाग के अधिकारियों को खाद एवं उवर्रक के सभी प्रतिष्ठानों पर रेट लिस्ट दृश्य स्थान पर लगाने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि शाम 6 बजे बाद जिले में कहीं भी खाद का वितरण नहीं किया जाएं।
अगर किसी खाद विक्रेता द्वारा रात में खाद का वितरण किया जाता है तो विरूद्ध सख्त कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
इस दौरान उपखण्ड अधिकारी टोंक गिरधर, उपखण्ड अधिकारी रवि वर्मा, तहसीलदार नेहा चौधरी, कृषि विभाग के उपनिदेशक राधेश्याम मीणा, सहायक निदेशक दिनेश बैरवा, कृषि अधिकारी रिपुदमन सिंह, सहायक कृषि अधिकारी मनीष मीणा, सहकारिता विभाग के विक्रम चौधरी, भी मौजूद रहे।