सीमा पार से हजारों की संख्या में टिड्डियों Locusts का आना जारी है। यहां सीमावर्ती जिलों में आतंक मचा रही आसमानी आफत का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। टिड्डियां Locusts पेड़-पौधों, वनस्पति और फसलों को नुकसान पहुंचा रही है। आमजन के साथ प्रशासन की नाक में भी दम कर दिया है।
गौरतलब है कि गत चार माह से टिड्डियों Locusts के आने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। मई-जून में रामदेवरा, सादा, लोहारकी, मावा और पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में पाकिस्तान की तरफ से हवा के साथ बड़ी संख्या में टिड्डी Locusts दल पहुंचने का सिलसिला शुरू हुआ था।
हालांकि टिड्डी नियंत्रण Locusts और कृषि विभाग की ओर से उनके नियंत्रण के प्रयास भी किए गए। लेकिन उसके एक माह बाद लाठी, डेलासर, सोढ़ाकोर, धोलिया, भादरिया, क्षेत्र में टिड्डी Locusts दलों ने पड़ाव डाला और करीब दो माह से नियंत्रण के प्रयास के बावजूद इस क्षेत्र में टिड्डी Locusts दल का प्रकोप देखने को मिल रहा है।
टिड्डी यहां खड़ी फसलों और वनस्पति को चौपट कर रहे हैं। आसमान से आफत की तरह बरस रही टिड्डियां Locusts का महेशों की ढाणी, चांदनी, ओढ़ाणिया, लाठी, रतन की बस्सी के आसपाससर्वाधिक प्रकोप देखने को मिल रहा है। लम्बे समय से क्षेत्र में टिड्डी दल के जगह-जगह पड़ाव से खड़ी फसल चौपट हो रही है और किसान इस वर्ष खरीफ की फसल, घास और वनस्पति को लेकर चिंतित है।