राजस्थान में अब किसान स्वंय करेगा गिरदावरी, अब अधिकारी घर जाकर करेंगे नियमन- रामलाल जाट

Dr. CHETAN THATHERA
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भीलवाड़ा / राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार के कार्यकाल में राजस्थान के इतिहास में पहली बार राजस्व मंत्री रामलाल जाट की दूरदर्शिता के चलते ग्रामीण क्षेत्रों में गिरदावरी को लेकर अब किसानों को पटवारी गिरदावर और तहसीलदार के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे गिरदावरी के लिए बल्कि किसान स्वयं अपने गिरदावरी कर सकेगा और इसी के साथ सरकार एक और नवाचार करने जा रही है कि ग्रामीण क्षेत्रों में जिनके नियमन की पत्रावली विभाग में पड़ी है और जिन का नियमन होना है उन लोगों के अधिकारी घर जाकर नियमन करेंगे ।

 

राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने सोमवार को भीलवाड़ा जिले के राजस्व सम्बन्धी कार्यों की समीक्षा बैठक लेते हुए इन दोनों नवाज चारों की घोषणा करते हुए इसकी पूरी व्याख्या की और स्पष्ट स्पष्ट दिशा से बताया चार घंटे से अधिक चली इस बैठक में आमजन के कार्य संवदेनशीलता एवं मानवीयता के साथ कर काश्तकारों को लाभान्वित करने के निर्देश दिए। बंजर भूमि एवं चारागाह विकास बोर्ड अध्यक्ष संदीप सिंह चौधरी ने चारागाह विकास के बारे में चर्चा की। बैठक के पश्चात सभागार में काफी संख्या में आए परिवादियों की समस्याओं के निस्तारण के लिए राजस्व मंत्री  जाट ने मौके पर ही जनसुनवाई की। राजस्व मंत्री और जिला कलक्टर ने मौजूद लोगों के परिवादों को सुना और संबंधित अधिकारियों को परिवादों के निस्तारण के लिए निर्देश दिए।

बैठक में राजस्व एवं काश्तकारी अधिनियमों के सम्बन्ध में विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। राजस्व मंत्री श्री जाट ने कहा कि राजस्व न्यायालयों में लंबित प्रकरणों का जल्द से जल्द निपटारा किया जाए जिससे आमजन को राहत मिले। क्षेत्र में कार्य के दौरान आ रही बाधाओं के निराकरण के सम्बन्ध में सुझावों पर भी विचार विमर्श हुआ। श्री जाट ने कहा कि राजस्व विभाग आमजन एवं काश्तकार से सीधा जुड़ा हुआ है। राजस्व अधिकारियों को संवेदनशीलता के साथ कार्य करना चाहिए। मानवीय पक्ष को केंद्र में रखकर निर्णय लेने से लोक कल्याण की भावना सुदृढ़ होगी।

उन्होंने कहा कि काश्तकारी भूमि के रास्ते के प्रकरणों में आपसी समझाईश एवं समझौते के माध्यम से वाद निस्तारण का प्रयास किए जाए। इस प्रकृति के अधिक मुकदमों वाले गांवों में जनसुनवाई करनी चाहिए। पैतृक कृषि भूमि के सहखातेदारों के मध्य भूमि विभाजन एवं लम्बित राजस्व मुकदमों में समझाईश एवं समझौते को बढ़ावा देना चाहिए। गैर खातेदारी से खातेदारी के प्रकरणों में सम्बन्धित तहसीलदार द्वारा भौतिक सत्यापन किया जाए। जिले में इस प्रकार के समस्त प्रकरणों की सीधी मॉनिटरिंग करके आगामी दिनों में निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। नोन कमांड क्षेत्र के पात्र व्यक्तियों के प्रकरण प्राथमिकता के साथ निस्तारित हो। कमांड क्षेत्र वाले व्यक्तियों के प्रकरण निर्धारित प्रक्रिया से नोटिस जारी कर किए जाए।

उन्होंने कहा कि समस्त राजस्व ग्रामों में राजकीय कार्यालयों एवं संस्थाओं के लिए भूमि आरक्षित करने की प्रक्रिया अमल में लाई जाए। श्मशान, कब्रिस्तान एवं समाधि स्थल के प्रकरणों को तत्काल प्रभाव से निपटारा करें। नवीन राजस्व ग्रामों के लिए प्रशासन गांवों के संग अभियान में प्रस्ताव प्राप्त हुए है। प्राप्त प्रस्तावों का परीक्षण करवाकर राज्य सरकार को भेजा जाए। नवीन ग्रामों के सीमांकन के समय चारागाह का बंटवारा आनुपातिक रूप से करने की प्रक्रिया अपनाई जाए।

भू-अभिलेखों के डिजिटलीकरण

उन्होंने कहा कि भू-अभिलेखों के डिजिटलीकरण का कार्य पूरे जिले में लागू किया जाएगा। इसमें समस्त राजस्व अधिकारियों का सहयोग मिलना चाहिए। नए नक्शे एवं पर्चा नोटिस में ग्राम सभा के माध्यम से ग्रामीणों की सक्रिय भूमिका सुनिश्चित होनी चाहिए। जिला कलक्टर द्वारा डिजिटलीकरण के कार्य की समीक्षा राजस्व अधिकारियों की बैठक में की जाएगी। सरकारी भूमि में निजी खातेदारों द्वारा सिंचाई के लिए खोदे गए कुंओं का नियमन करने के लिए निर्धारित राशि जमा करवाकर कार्यवाही की जाए।

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चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा,सी ई ओ, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम