नगर निगम मामला-हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा 18 तक जवाब

Dr. CHETAN THATHERA
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Jaipur news l राजस्थान उच्च न्यायालय में जयपुर नगर निगम के कार्यकाल समाप्त होने के बाद पूर्व में निकाय के सदस्य रहे पार्षदों को तथा पूर्व में काम कर रही समितियों को प्रशासकीय समिति के रूप में जारी रखने की गुहार लगाती हुई एक जनहित याचिका के मामले में आज सुनवाई हुई मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए राज्य के महाधिवक्ता को 18 मई तक प्रकरण में जवाब पेश करने के लिए निर्देश दिए हैं प्रकरण को पुनः 20 मई को सुनवाई हेतु सूचीबद्ध किया गया हैl

कठपुतली नगर निवासी ओपी टाक ने अपने अधिवक्ता डॉ अभिनव शर्मा के माध्यम से पेश याचिका में कहा है कि राज्य सरकार द्वारा नगरपालिका अधिनियम की धारा 320 के तहत शक्तियों का गलत इस्तेमाल करते हुए केवल एक ही व्यक्ति को दोनों नगर निगमों का प्रशासनिक अधिकारी नियुक्त कर दिया है जबकि राज्य सरकार द्वारा जयपुर नगर निगम को दो भागों में तोड़ने के निर्णय के विरुद्ध दायर याचिकाओं में यह कथन किया गया था कि दोनों नगर पालिका अलग अलग है और वर्तमान में जो बोर्ड के सदस्य जयपुर नगर निगम के मंडल के रूप में काम कर रहे हैं वे संबंधित के नगर निगम के बोर्ड माने जाएंगे l

ऐसे में अब जब जयपुर नगर निगम का कार्यकाल समाप्त हो गया है तो उन सभी बोर्ड के सदस्यों को समिति के रूप में राज्य सरकार को धारा 320 के तहत जारी रखना चाहिए था जबकि ऐसा नहीं किया गया l

राजस्थान सरकार द्वारा 18 अक्टूबर 2019 को एक अधिसूचना जारी कर जयपुर नगर निगम को जयपुर हेरिटेज तथा ग्रेटर जयपुर नाम की दो नगर निगम में बांट दिया गया था l याचिका में कहा गया है कि 25 नवंबर 2019 को राजस्थान सरकार द्वारा नगर निगम जयपुर, जोधपुर व कोटा में एक ही व्यक्ति को दोनों नगर निगम के लिए प्रशासनिक अधिकारी नियुक्त किया गया है l

जयपुर में जयपुर हेरिटेज और जयपुर ग्रेटर के लिए आयुक्त नगर निगम को ही चार्ज दे दिया गया जिससे नगर निगम उचित रूप से काम नहीं कर पा रही है और कोरोनावायरस की महामारी के चलते आम जनता परेशान हो रही है नगर निगम में सामान्य कार्यों में बाधा आ रही है l

याचिका में यह भी कहा गया है कि जयपुर नगर निगम हैरिटेज हिस्से के वर्तमान में भवन की कोई व्यवस्था नहीं की गई है याचिका में आरोप लगाया गया है कि पुरानी पुलिस मुख्यालय को जयपुर नगर निगम हेरिटेज का कार्यालय बनाया जाने का प्रस्ताव दिया गया है लेकिन उसके लिए राज्य सरकार द्वारा अभी तक कोई तैयारी नहीं की गई है ऐसे में लॉक डाउन  खुलने के बाद आम जनता को भारी समस्या का सामना करना पड़ेगा l

क्योंकि दोनों ही नगर निगम वर्तमान निगम के कार्यालय से चलेंगी ऐसे में दोनों नगर निगम का एक साथ काम करने से जनता को भारी नुकसान होगा याचिका में यह भी कहा गया है कि वर्तमान में बरसात से जगह-जगह पर नालियां और खड्डे भर गए हैं ऐसे में नगर निगम द्वारा मलेरिया और अन्य बीमारियों से बचाव के लिए कोई प्रयास नहीं कर केवल और केवल महामारी की ओर ध्यान दिया जा रहा है केवल एक व्यक्ति को प्रशासनिक अधिकारी नियुक्त कर देने से विकास के सभी कार्य रुक गए हैं l

याचिका में यह भी कहा गया है कि मध्य प्रदेश में भी समय अवधि पूर्ण कर चुके नगरीय निकायों में प्रशासनिक समिति गठन करने का निर्णय लेते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने 21 अप्रैल को अपने मंत्रिपरिषद में निर्णय लिया है कि पूर्व में नगरीय निकायों के चुने हुए प्रतिनिधियों को एवं समितियों को वर्तमान नगर निकायों में काम करने दिया जाएगा l

याचिका में गुहार की गई है कि राज्य सरकार को निर्देशित किया जाए की धारा याचिका में कहा गया है कि नगर निगम अधिनियम की धारा 320 के तहत शक्तियों में स्पष्ट प्रावधान है कि पूर्व नगर पालिका या नगर निगम के बोर्ड के सदस्यों के माध्यम से ही कमेटी अथवा प्रशासनिक समिति का गठन किया जा सकता है जबकि सरकार ने अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करते हुए केवल नगर निगम के मुख्य आयुक्त को दोनों नगर निगम का जिम्मा दे दिया है l

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चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा,सी ई ओ, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम