Nagour News / Dainik reporter : नागौर जिले कुचामन शहर में शनिवार अलसुबह ट्रक की टक्कर से उछकर आए सांड से टकराने से मिनी बस असन्तुलित होकर पेड से जा भिड़ी जिससे उसमें सवार 13 लोगों की मौत हो गई। आठ अन्य घायल हो गए जिनमें से तीन को गंभीर अवस्था में जयपुर सवाईमान सिंह अस्पतलात भेजा गया है। 5 घायल कुचामन के राजकीय चिकित्सालय में भर्ती हैं।
दो मिनी बस में सवार लोग संत रामपाल के भक्त थे तथा महाराष्ट्र से हरियाणा जा रहे थे। इनमें करीब 40 लोग सवार थे, जिनमें से एक मिनी बस कुचामन मेगा हाईवे काला भाटा की ढाणी में दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसमें 22 जने सवार थे।
हादसा काले सांड के कारण हुआ। दरअसल मिनी बस में सवार लोग कुचामन बाईपास से होते हुए डीडवाना की ओर जा रहे थे। काला भाटा की ढाणी के पास पूर्व विधायक विजयसिंह चौधरी के घर के समीप डीडवाना से आ रहे ट्रक ने बीच रास्ते में खड़े सांड को टक्कर मारकर उछाल दिया।
सांड सामने से आ रही मिनी बस से जा भिड़ा। टक्कर इतनी भीषण थी कि सांड की टक्कर से ट्रैवलर अनियंत्रित होकर पेड़ से जा टकराई ।
हादसे में सांड के भी चिथड़े-चिथड़े हो गए कि उसे पहचानना भी मुश्किल हो गया कि ये सांड है या काली भैंस। सांड को टक्कर ठोकने के बाद ट्रक भी आगे से क्षतिग्रस्त हो गया व थोड़ी दूर आगे चलने के बाद कुचामन स्वागत द्वार के पास बीच सड़क पर ही खराब हो गया।
हताहत सभी लोग महाराष्ट्र के लातूर व सोलापुर जिले के हैं। ये सभी लोग अलग-अलग परिवारों से हैं व संत रामपाल के समर्थक हैं। दो मिनी बसों में सवार करीब ये 40 लोग हरियाणा के हिसार जा रहे थे। दुर्घटनाघटित होने वाली मिनी बस हादसे के वक्त आगे चल रही थी व इसके पीछे दूसरी मिनी बस आ रही थी, जिनका फासला बमुश्किल 100 फीट रहा होगा।
पीछे वाली मिनी बस में बैठे एक यात्री ने मीडिया को बताया कि वे सभी लोग संत रामपाल के भक्त हैं। 23 तारीख को संत रामपाल की पेशी थी, वे लोग संत रामपाल के समर्थन में व पेशी के खिलाफ प्रदर्शन करने जा रहे थे।
शनिवार को अलसुबह मेगा हाईवे पर हुई सड़क दुर्घटना टल भी सकती थी। परन्तु होनी को कोई नहीं टाल सकता। यदि ड्राइवर की कही बात यात्री मान लेते तो इतना बड़ा हादसा नहीं होता। पीछे वाली मिनी बस में बैठे यात्रियों ने बताया कि हादसे से मात्र 10 मिनट पहले ही दोनों मिनी बसों में सवार सभी यात्रियों ने चाय-पानी के लिए ठहराव किया था।
दुर्घटनाघटित होने वाली बस के ड्राइवर ने होटल पर कहा था कि नींद आ रही है,थोड़ी देर बाद चलेंगे। इस पर यात्रियों ने कहा कि समय कम है और टाइम पर ही हिसार पहुंचना है, इसलिए चलते रहो।
हादसे के बाद ग्राउण्ड जीरो की स्थिति बेहद भयावह थी। हर तरफ लाशें ही लाशें दिख रही थी। कहीं टूटी चप्पलें बिखरी थी, तो कहीं कपड़े, कहीं बर्तन व सिलेण्डर तो कहीं मांस के लौथड़े। ये मंजर अपने आप में हादसे की भयावहता का अहसास करा रहा था।
मिनी बस अंदर से पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। चहुंओर लाशे ही लाशे व चीख पुकार मची थी। पुलिस उप अधीक्षक नगाराम चौधरी व सीआई रामवीर जाखड़ के साथ तहसीलदार व अन्य थाने का स्टॉफ पूरी मुस्तैदी के साथ अपनी ड्यूटी पर रहा।
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर सभी को साइड किया व हाईवे पर लगा जाम खुलवाया। सीआई रामवीर जाखड़ व हैड कांस्टेबल मोहम्मद अयूब ने एक-एक लाश को अपने हाथों से उठा-उठाकर एम्बुलेंस, नगर पालिका के टैम्पों व अन्य साधनों में भरकर हॉस्पिटल मोर्चरी तक पहुंचाया।
राजकीय चिकित्सालय कुचामनसिटी के वार्ड में भर्ती सड़क हादसे के घायलों के बीच एक बैड पर मासूम कराह रहा है। पैर टूट चुका है व हाथ में भी फ्रेक्चर है। जगह-जगह से जख्मों से भरे मासूम चेहरे से वह हर पल अपनी मां को याद कर रहा है, पर उसे नहीं पता कि उसकी मां एवं उसकी बहन अब इस दुनिया में नहीं है।
उसे मां का आंचल अब कभी नसीब नहीं होने वाला। आंसू पौंछने वाला भी कोई नहीं बचा, क्योंकि मासूम के साथ सिर्फ उसकी मां व बहन ही आए थे। वार्ड में भर्ती अन्य स्थानीय मरीजों के परिजन मासूम को ढांढस बंधाने की कोशिश कर रहे हैं, परन्तु चाहकर भी वे बच्चे की तकलीफें कम नहीं कर पा रहे। मासूम की रूदन सुनकर न केवल वार्ड के मरीज बल्कि चिकित्सा स्टॉफ, पुलिस व पत्रकारों की आंखे भी नम थी।
भगवान बड़म्बे (50)निवासी अउवा (लातूर), मयूरी पुत्री भगवान बडम्बे निवासी लातूर, रामचन्द्र पुत्र तुकाराम पंवार निवासी सांगली, सुमित्रा पत्नी गोवर्धन सांगवे निवासी लातूर, सिंधी पुत्री गोवर्धन सांगवे निवासी लातूर, शिवप्रसाद पुत्र दत्ता ठाकुर निवासी परभनी, बलीराम पुत्र बालाजी पंवार निवासी कर्नाटक, सयाजी गायवाड़ निवासी कर्नाटक, गोविन्द पुत्र रामकिशन (बस चालक) निवासी लातूर, अरुणा पत्नी हनुमन्त तौर निवासी अवसा लातूर, सुप्रिया पुत्री बालाजी पंवार निवासी लातूर, शालुबाई पत्नी बसन्त शिरके निवासी वाड़ी सोलापुर, रुकमणी (30)पत्नी नानेश्वर सिड़के निवासी चिलाईवाड़ी की इस दुर्घटना में मौत हो गई है।
लक्ष्मी पत्नी पडुंरगा सिड़के निवासी चिलाईवाड़ी, प्रताप पुत्र वंश सिड़के, गायत्री (6 माह)पुत्री नानेश्वर, श्रवण्या पुत्र नानेश्वर, आदर्श (सुमित्रा का पुत्र),पडुंरंग का बच्चा उम्र 6 माह है।
रुकमणी (30)पत्नी नानेश्वर सिड़के निवासी चिलाईवाडी, नानेश्वर (35)पुत्र बसंत सिड़के, साहित (6)पुत्र नानेश्वर, सुतारबाई(60), इनमें से रुकमणी की जयपुर के एस.एम.एस. हॉस्पिटल में इलाज के दौरान मृत्यु हो गई।