मंत्री राजेंद्र गुढ़ा की धमकी, पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिला तो सरकार से समर्थन वापसी पर विचार

Sameer Ur Rehman
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जयपुर। जालोर के सुराणा गांव में दलित बच्चे की मौत के मामले में चल रही बयानबाजी के बीच अब गहलोत सरकार में मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने भी बड़ा बयान देते हुए सरकार को धमकी दी है। । राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि अगर पीड़ित परिवार को जल्द से जल्द न्याय नहीं मिला तो वो सरकार से समर्थन वापस ले लेंगे, चाहे तब हम सभी 6 विधायकों की सदस्यता ही क्यों न चली जाए। मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने आज अपने आवास पर मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि इस मामले में राजनीति नहीं होनी चाहिए जल्द से जल्द इस मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में डे टु डे सुनवाई हो और जल्द से जल्द दोषी को सरेआम फांसी पर लटकाया जाना चाहिए, लेकिन जो निर्दोष है उस पर कार्रवाई नहीं होनी चाहिए।

मंत्री राजेंद्र गुढा ने कहा कि कुछ लोग इस मामले में राजपूत समाज पर सवाल खड़े कर रहे हैं, हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि दलित के साथ अन्याय हो तो राजेंद्र गुढ़ा अपनी जान भी दे सकता है लेकिन जो नेता अब इस मामले में राजनीति कर रहे हैं और एक जाति को टारगेट कर रहे हैं उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि मंत्री गोविंद राम मेघवाल का एक ऑडियो वायरल हो रहा है जिसमें वो मोबाइल पर कह रहे थे कि ठाकुरों ने हमें पीट-पीटकर हमारी पीठ तोड़ दी। राजेंद्र गुढा ने कहा कि मेरी गोविंद मेघवाल से हाथ जोड़कर विनती है कि किसी भी अपराधी को जाति नहीं होती है और इस मामले में एक समाज को विलेन बनाने की कोशिश नहीं की जाए। राजपूत समाज ने शुरुआत से ही जातियों को जोड़ने का काम किया है।

डांगावास प्रकरण मैं सब तो चुप थे

राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि बीजेपी की सरकार के समय डांगावास कांड हुआ था तब प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित विपक्ष के नेता क्यों चुप थे यहां तक कि आज जालोर घटना के विरोध में जो इस्तीफा दे रहे हैं पानाचंद मेघवाल, उन्होंने उस वक्त इस्तीफा क्यों नहीं दिया था। डांगावास में 5 दलितों की जघन्य हत्या की गई थी तब सब के मुंह पर चुप्पी क्यों थी

मंत्री गुढा ने कहा कि वो कभी भी जाति की राजनीति नहीं करते हैं। सबसे ज्यादा दलित गजेटेड अधिकारी  उनकी विधानसभा क्षेत्र में रहते हैं।उन्होंने कहा कि  मैंने  बचपन से ही दलितों को घोड़ी पर चढ़ाना शुरू किया था। दलितों के साथ अन्याय होगा तो वो अपनी जान देने को भी तैयार है,लेकिन  इस मसले पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।

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Editor - Dainik Reporters http://www.dainikreporters.com/