
- श्रीमद् भागवत कथा सुनने उमड़े सैकड़ो महिला पुरुष
Tonk News – विश्व विख्यात संत उत्तम स्वामी महाराज (Saint Uttam Swami Maharaj) ने कहा कि संतों का जीवन परोपकार के लिए ही होता है, परहित से बड़ा कोई धर्म नहीं । उन्होंने कहा कि मनुष्य जीवन में प्रभु स्मरण से बड़ा कोई काम नही है। जिस व्यक्ति ने ईश्वर से जीवन में प्रेम नही रखा उसका इस संसार में जीवन जीना निरर्थक है। मनुष्य के मन में जिस तरह भोजन का स्वाद मन को भाता है, उसी भांति भगवान की भक्ति व ध्यान को मन में रखकर आत्मा को तृप्त करना चाहिए और शुद्ध मन से प्रभू की सेवा में लगे रहना चाहिए।
महर्षि उत्तम स्वामी बृहस्पतवार को सदगुरू गांधी खेल मैदान में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में गोकर्ण के दृष्टांत से श्रोताओं को संतों के लक्षण बताते हुए छल कपट लोगों को त्यागने का आव्हान किया। उन्होंने कहा कि ईश्वर को मनुष्य प्रेमपूर्वक यदि नित्य फूलों, उपहारों की जगह एक आंसू की बूंद भी अर्पण की जाएं तो ईश्वर उसे प्रेमपूर्वक स्वीकार करके अपना सर्वस्व अर्पण करने में पीछे नही रहे। उन्होंने कहा कि ईश्वर उपहारों के भूखे नही बल्कि भाव के भूखे होते है, मानव मन मन्दिर में प्रभु भक्ति की ज्ञानयज्ञ के लौ जलाएं, जिससे मनुष्य का मोह-माया रुपी संसार से भगवान उद्धार करे और मोक्ष की प्राप्ति हो।
कथा में केकड़ी पूर्व विधायक शत्रुघ्न गौतम, टोंक के पूर्व विधायक अजीत सिंह मेहता, प्रधान जगदीश गुर्जर,दिनेश चौरसिया,मणिकांत गर्ग, मिथलेश गर्ग, निपुण सक्सेना, दिनेश शर्मा, बृजमोहन शर्मा एडवोकेट, लक्ष्मीकांत जांगिड़, कमलेश सिंगोदिया, कन्हैया लाल चौधरी, रमाकांत शर्मा, विष्णु गुप्ता आदि मौजूद थे।