मानव अधिकार दिवस पर कारागृह में साक्षरता शिविर का आयोजन

liyaquat Ali
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मानव अधिकार दिवस के अवसर पर जिला कारागृह टोंक में आयोजित साक्षरता शिविर

Tonk News – राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण टोंक द्वारा मानव अधिकार दिवस के अवसर पर जिला कारागृह टोंक (District Prison Tonk) में साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर  पंकज बंसल सचिव एवं अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश टोंक ने साक्षरता शिविर में कहा कि लोगों का अधिकारों का सम्मान करने के लिए प्रतिवर्ष 10 दिसम्बर को पूरे विश्व में मानव अधिकार दिवस मनाया जाता है उन्होंने यह भी कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को दुनिया में जन्म लेने के साथ कुछ अधिकार भी प्राप्त होते हैं जिसका उल्लघंन किये जाने पर व्यक्ति न्यायालय के माध्यम से अधिकरों का प्राप्त कर सकता है।

इसके लिए हमारे संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 16, 17, 19, 20, 21, 23, 24, 39, 43, 45 में देश में मानवाधिकारों की रक्षा करने के लिए प्रावधान किये गये हैं। भारतीय संविधान इस अधिकार की न सिर्फ गारंटी देता है, बल्कि इसे तोडऩे वाले को अदालत सज़ा भी देती है। किसी भी इंसान की जि़ंदगी, आज़ादी, बराबरी और सम्मान के अधिकार मानवाधिकार में आते हैं।  हर शख्स को बराबरी का अधिकार देना लोकतंत्र का अहम घटक है। इंसानी अधिकार हमारे अस्तित्व और दुनिया में आत्मसम्मान से रहने की गारंटी होते हैं।

इसके अन्तर्गत भोजन का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, शोषण से रक्षा का अधिकार, बाल शोषण, उत्पीडऩ पर रोक, महिला हिंसा, असमानता, धार्मिक हिंसा पर रोक जैसे कई मज़बूत कानून बनाए गए हैं। सचिव ने यह भी बताया कि भारत का संविधान मौलिक अधिकार प्रदान करता है, जिसमें धर्म की स्वतंत्रता भी अंतर्भूक्त है। संविधान की धाराओं में बोलने की आज़ादी के साथ साथ कार्यपालिका और न्यायपालिका का विभाजन भी किया गया है।

उन्होनें यह भी बताया कि जेल में बन्द बन्दी इसे सुधारगृह के रूप में लें एवं रिहा हो जाने पर सभ्य नागरिक के रूप में जीवन यापन करें तथा अपने अधिकरों के साथ साथ दूसरों के अधिकारों का भी सम्मान करें। इस अवसर पर पैनल अधिवक्ता सराफत अली द्वारा बंदियों को नि:शुल्क विधिक सहायता की जानकारी देते हुए पैरवी के अधिकार की जानकारी दी। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि हमारे देश में महिला , पुरूष, दिव्यागं, बच्चें सभी को सम्मान अधिकार दिये गये है।

पैनल अधिवक्ता भरत सिंह नरूका द्वारा बंदियों को बताया कि प्रत्येक व्यक्ति को अधिकार के साथ साथ अपने कर्तव्यों का ध्यान भी रखना चाहिए जिससे वह दूसरों के अधिकार का सम्मान कर सके तथा अपराधों से दूर रहें। साथ ही उन्होंने बंदियों को प्लीबारगेनिंग एवं जनउपयोगी सेवाओं के संबंध में स्थाई लोक अदालत के बारे में भी जानकारी प्रदान की।  इसके पश्चात् जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, टोंक के सचिव की अध्यक्षता में गठित विशेष टीम ऑफ विजि़टर्स द्वारा जिला कारागृह, टोंक का साप्ताहिक निरीक्षण किया गया।

प्राधिकरण के सचिव पंकज बंसल द्वारा जेल में साफ सफाई, भोजन व्यवस्था, चिकित्सा व्यवस्था, विधिक सेवा क्लिनिक का कार्य, मुलाकात कक्ष, महिला जेल, बैरक, पुस्तकालय, सर्दी से बचाव हेतु बिस्तर आदि का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान उपस्थित बंदियों से संवाद कर जेल नियमानुसार उपलब्ध कराई गई व्यवस्थाओं के बारे में जायज़ा लिया गया। इस दौरान सत्यनारायण शर्मा, मोहर मीणा उपाधीक्षक जिला कारागृह टोंक भी उपस्थित रहें।

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