Bhilwara / shahpura News (मूलचन्द पेसवानी ) – एक मां के लिए उसकी खुशी उसका संसार संतान और एक पत्नी के लिए उसका संसार पति होता है और जब कभी औलाद व पति पर दुखों का पहाड़ टूट पड़े तो मां व पत्नी उसे बचाने के लिए अपने आंचल की ओट कर देती है, लेकिन आज एक 75 वर्षीय वृद्ध मां कमला अपने बेटे व पत्नी नीरू अपने सुहाग विपिन शर्मा की लंबे संघर्ष के बाद हुई मौत के दर्द से बिलखने को मजबूर हो गयी है। विपिन शर्मा की लंबे सघर्ष के बाद किडनी फैल हो जाने से आज मौत हो गयी। जबकि उसकी मां व पत्नी उसे अपनी अपनी किडनी डोनेट कर चुकी थी। अभी विपिन के एक बच्चा संभव शर्मा व एक बच्ची विन्नी है।
मूलतः भरतपुर जिले के निवासी व वर्तमान में शाहपुरा रह रहे शारीरिक शिक्षक विपिन शर्मा की दोनों किडनियां खराब हो गयी। उसकी मां व पत्नी की आंखें हर पल उस फरिश्ते की राह ताक रही थी जो इस विपदा से निजात दिला सके। वर्ष 2003 में विपिन शर्मा की दोनों किडनियां खराब हो गयी। उस समय उसकी मां कमला शर्मा ने कई जगह मदद की गुहार लगाई, लेकिन बेटे की उखड़ती सांसों को सहारा देने के लिए कोई भी तैयार नहीं हुआ। आखिरकार 2006 में विपिन की मां कमला ने अपनी ही एक किडनी बेटे विपिन को डोनेट दे दी। विपिन को फिर से नई जिंदगी मिली। मां की किडनी लगने के बाद विपिन बिलकुल ठीक हो गया था। लेकिन भाग्य की विडंबना देखिए लगभग 10 साल बाद विपिन की वह किडनी भी फेल हो गई।
ऐसा नहीं है कि विपिन की इस बीमारी के प्रति किसी को संवेदना नहीं रही। इस संवेदना और इस बीमारी को करीब से जाना उसकी पत्नि नीरू शर्मा ने। जिसने बीते कई वर्षों से विपिन के हर सुख-दुःख में साथ दिया और पति की जिंदगी बचाने के लिए पत्नी नीरू ने भी 2017 में किडनी दे दी। नीरू ने लंबी जदोजेहाद के बाद यह किडनी डोनेट की क्यों कि पहले उसका ब्लड मैच नहीं हुआ। बाद में उसने हिम्मत से काम लेकर अपने सुहाग की रक्षा के लिए अपना ब्लड ही बदलवा दिया ताकि किडनी का मैच हो सके, इस प्रक्रिया में लाखों रू लग गये।
परंतु विपिन शर्मा ने किडनीयां फैल होने के कारण दम तोड़ दिया। अब मां का बेटा व पत्नी का सुहाग कैसे आयेगा जब विपिन के दो मासूम बच्चे उनकी आंखों के सामने है।