काली दिवाली मनाने को मजबूर मदरसा पैराटीचर्स,समझौते के बाद जारी हुए नवीन सेवा नियमो में नही किया गया शामिल

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टोंक / वजाहत अख्तर। दिपोत्सव के अवसर पर जहां सभी लोग खुशियां मना रहे है एक दुसरे का मुंह मीठा करवा रहे है तो वही दूसरी ओर सरकार की बेरुखी से परेशान मदरसा पैराटीचर्स एक बार फिर काली दीवाली मनाने को मजबूर नज़र आ रहे है।

 

इस बार भी दीवाली का त्यौहार उनके लिए खुशियां नही बल्कि दुख ही लेकर आया है।

नियमित किए जाने की मांगो को लेकर आंदोलन रत रहे मदरसा पैराटीचर्स का कहना है उनके आंदोलन को सीएम अशोक गहलोत ने नियमित किए जाने की मांग पूरी करने के आश्वासन के बाद खत्म कराया था।

लेकिन हाल ही में जारी हुए संविदा सेवा नियम के नोटिफिकेशन में मदरसा पैराटीचर्स को शामिल नही किया गया।

जिससे प्रदेश भर के मदरसा पैराटीचर्स में खासा आक्रोश देखा जा रहा है।इसी से नाराज़ मदरसा पैराटीचर्स ने आज टोंक के एक मदरसे में बैठक बुलाते हुए सरकार के सामने अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया है।

एमपीटी के टोंक ज़िला अध्यक्ष नदीम अख्तर ने बताया कि टोंक सहित अन्य सभी जिलों के क़रीब 5500 पैराटीचर्स उनकी आंदोलन समिति के मुखिया शमशेर भालू गांधी से लगातार संपर्क में ह।

मदरसा पैराटीचर्स ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि विभागों द्वारा भेजे गए प्रस्तावों के आधार पर उन्हें वेतनमान ओर नियमित नही किया गया तो जल्द सरकार के खिलाफ एक बड़ा उग्र आंदोलन किया जाएग।

 

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