विधेयक विधानसभा में पेश
जयपुर
भीड़ की हिंसा व लोगों को पीटकर मार देने और ऑनर किलिंग की घटनाओं के खिलाफ राज्य सरकार ने कानून का मसौदा तैयार कर लिया है। इसे लेकर मंगलवार को संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने विधानसभा में राजस्थान लिंचिंग संरक्षण विधेयक 2019 तथा राजस्थान सम्मान और परंपरा के नाम पर वैवाहिक संबंधों की स्वतंत्रा में हस्तक्षेप का प्रतिषेध विधेयक 2019 सदन में पेश किए। इन विधेयकों पर 5 अगस्त को चर्चा की जाएगी तथा उसके बाद ये परित होंगे। इन दोनों बिलों की घोषणा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 16 जुलाई को सदन में बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए की थी।
जानकारी के अनुसार राजस्थान लिंचिंग संरक्षण विधेयक 2019 में भीड के हमले और उसमें मौत होने पर दोषियों को उम्र कैद की सजा और एक से पांच लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। भीड की हिंसा में शामिल लोगों के अलावा उनकी सहायता करने वालों को भी सजा का प्रावधान है। लिचिंग में पीडि़त के गंभीर रूप से घायल होने पर 10 साल तक की कैद और 50 हजार से 3 लाख तक का जुर्माना होगा। इसके अलावा बिल में इन मामलों की जांच पुलिस अधिकारी से ही करवाने का प्रावधान रखा गया है।
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विधेयक विधानसभा में पेश
जयपुर
भीड़ की हिंसा व लोगों को पीटकर मार देने और ऑनर किलिंग की घटनाओं के खिलाफ राज्य सरकार ने कानून का मसौदा तैयार कर लिया है। इसे लेकर मंगलवार को संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने विधानसभा में राजस्थान लिंचिंग संरक्षण विधेयक 2019 तथा राजस्थान सम्मान और परंपरा के नाम पर वैवाहिक संबंधों की स्वतंत्रा में हस्तक्षेप का प्रतिषेध विधेयक 2019 सदन में पेश किए। इन विधेयकों पर 5 अगस्त को चर्चा की जाएगी तथा उसके बाद ये परित होंगे। इन दोनों बिलों की घोषणा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 16 जुलाई को सदन में बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए की थी।
जानकारी के अनुसार राजस्थान लिंचिंग संरक्षण विधेयक 2019 में भीड के हमले और उसमें मौत होने पर दोषियों को उम्र कैद की सजा और एक से पांच लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। भीड की हिंसा में शामिल लोगों के अलावा उनकी सहायता करने वालों को भी सजा का प्रावधान है। लिचिंग में पीडि़त के गंभीर रूप से घायल होने पर 10 साल तक की कैद और 50 हजार से 3 लाख तक का जुर्माना होगा। इसके अलावा बिल में इन मामलों की जांच पुलिस अधिकारी से ही करवाने का प्रावधान रखा गया है।
लिचिंग के मामलों में गवाहों को धमकाने वालों के लिए 5 साल की जेल और एक लाख तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। विधेयक में मॉब लिंचिंग की घटना के वीडियो और फोटो वायरल करने पर भी एक से तीन साल की सजा और 50 हजार का जुर्माने का प्रावधान रखा गया है। बिल के मुताबिक लिंचिंग रोकने के लिए प्रदेश में नोडल अधिकारी तथा जिला पुलिस अधीक्षक को जिला समन्वयक लगाया जाएगा, जो कि पुलिस महानिरीक्षक के स्तर का होगा। इस बिल की खासियत है कि इसमें दो व्यक्ति या दो से ज्यादा लोगों के समूह को मॉब बताया गया है। मॉब लिंचिंग को गैरजमानती और संज्ञेय अपराध बनाया गया है। मॉब लिंचिंग के गवाहों को दो से ज्यादा तारीखों पर अदालत जाने की बाध्यता से छूट मिलेगी और गवाहों की पहचान गुप्त रखी जाएगी। लिंचिंग से पीडि़त व्यक्ति का विस्थापन होने पर सरकार उसका पुनर्वास करेगी।
ऑनर किलिंग में होगा आजीवन कारावास
राजस्थान सम्मान और परंपरा के नाम पर वैवाहिक संबंधों की स्वतंत्रा में हस्तक्षेप का प्रतिषेध विधेयक 2019 के तहत जाति, धर्म, समाज व कुल की इज्जत के नाम पर हत्या करने पर आजीवन कारावास और 5 लाख तक का जुर्माना लगाया जाएगा। इस बिल में युगल या उसके कुटुंब व नातेदारों को गांव या जगह छोडने पर मजबूर करने को भी अपराध माना गया है। इसमें प्रेम व अंतरजातीय विवाह को रोकने और उसके लिए एकत्र होने तथा इसमें सहायता करने वालों को भी आरोपी बनाने का प्रावधान किया गया है। साथ ही ऐसा विवाह रोकने पर दो वर्ष के कारावास व जुर्माने का प्रावधान है। इसमें आनर किलिंग के लिए प्रोत्साहित करने वाले भी आरोपी के बराबर ही दोषी माना गया है