ब्रेस्ट कैंसर में आमतौर पर देरी से शादी होना तो एक बड़ा कारण है ही साथ ही लेट प्रेग्नेंसी और कम ब्रेस्ट फ ीडिंग भी ब्रेस्ट कैंसर के बड़े खतरे होते हैं। यह बात यूके की डॉ. सीमा सीतारमण ने राजधानी में आयोजित तीन दिवसीय ब्रेस्ट केंसर पर कांफ्रेन्स को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि युवतियों में गंभीर किस्म के ब्रेस्ट कैंसर सामने आ रहे हैं जिन्हे शुरूआती स्टेज में पहचानना जरूरी है। नई इलाज तकनीकों से अब पूरा ब्रेस्ट हटाए बिना ही कैंसर ट्यूमर निकाल दिया जाता है। इलाज में अब कई नई दवाएं भी आ गई हैं जो बीमारी को सीधे टारगेट करके दी जाती हैं जिससे कैंसर कोशिकाएं खत्म हो जाती हैं।
देश विदेश से आए ब्रेस्ट कैंसर सर्जन, प्लास्टिक सर्जन और कैंसर रोग विशेषज्ञों ने यहां दिन तक ब्रेस्ट कैंसर से जुड़ी जटिलताओं और इलाज की नवीनतम तकनीकों पर मंथन किया। रविवार को कॉन्फ्रें स संपन्न हुई। क ॉन्फ्रें स का आयोजन एसोसिएशन ऑफ ब्रेस्ट सर्जन्स, सीतादेवी हॉस्पीटल, एसएमएस मेडिकल कॉलेज का प्लास्टिक सर्जरी विभाग एवं राजस्थान ब्रेस्ट आंकोलॉजी ग्रुप के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। तीन दिवसीय कॉन्फ्रें स के 60 सत्रों में 100 से अधिक शोध पत्र पढ़े गए जिनमें 450 से अधिक एक्सपट्र्स ने भाग लिया। समापन समारोह में आयोजन अध्यक्ष डॉ.प्रदीप गोयल ने सभी का अभार व्यक्त किया।
कॉन्फ्रें स के अंतिम दिन दिल्ली के डॉ. वेदांत काबरा, हैदराबाद से डॉ. पी रघुराम, यूके से डॉ. सुमोहन चटर्जी, कोलकाता के डॉ. अभिराम माझी, इंग्लैंड की डॉ. साराह पिंडर ने भी अलग अलग विषयों पर जानकारी दी।