Bhilwara news । प्रदेश में कोरोना के चलते लाॅक डाउन एवं शहर में निषेधाज्ञा के दौरान किसी को भी भूखा नहीं सोने देने की मुख्यमंत्राी की सदिच्छा का लोग गलत फायदा उठाने से नहीं चूक रहे हैं। जिला प्रशासन की ओर से मुख्यमंत्राी की मंशा अनुरूप जरूरतमंद व्यक्तियों, निराश्रित और कमजोर तबके वाले व्यक्तियों को निशुल्क खाद्य सामग्री आपूर्ति करने एवं इस संबंध में माॅनिटरिंग हेतु कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है।
जरूरतमंद व्यक्ति कंट्रोल रूम पर सूचना देकर खाद्य सामग्री का अभाव होने पर अपने लिए सामग्री मंगवा सकते हैं। इसी क्रम में कंट्रोल रूम पर मोतीलाल लालवानी निवासी कावांखेड़ा, दारु गोदाम की गली, भीलवाड़ा ने अपने घर पर राशन नहीं होने की सूचना दी, जिस पर प्रशासन की ओर से गठित टीम ने परिवादी के घर जाकर सर्वे किया तो पाया कि मोतीलाल लालवानी स्वयं के अच्छे फर्निश्ड मकान में रहता है। उसके घर पर स्कूटर, फ्रिज इत्यादि सुविधाएं हैं।
जांच में यह भी पाया गया कि करीब 15 दिन की राशन सामग्री उसके घर में उपलब्ध है। परिवादी ने समर्थ होने के बावजूद राशन सामग्री की कमी बताई जिस कारण प्रशासन के संसाधन व्यर्थ हुए एवं समय नष्ट हुआ। इससे वास्तविक अभावग्रस्त व्यक्तियों तक प्रशासन को पहुंचने में विलंब हुआ।
नियंत्राण कक्ष की ओर से जिला कलेक्टर राजेन्द्र भट्ट को इस बारे में अवगत कराये जाने पर उन्होंने लालवानी के विरुद्ध सख्त कार्रवाई के लिए जिला पुलिस अधीक्षक को पत्रा लिखा है। जिला कलेक्टर ने बताया कि निषेधाज्ञा के दौरान निराश्रित और कमजोर तबके के व्यक्तियों को जन सहयोग से प्रशासन के माध्यम से खाद्य सामग्री आपूर्ति की जा रही है
लेकिन इस तरह की घटनाएं कमजोर तबके की व्यक्तियों के हक पर डाका डालती है। इससे ना केवल प्रशासन का समय एवं संसाधन नष्ट होता है बल्कि जरूरतमंद व्यक्ति तक राहत पहुंचने में विलंब भी होता है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की हरकत करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा।
उन्होंने आमजन से अपील की कि वे अपने आसपास कमजोर एवं निराश्रित लोगों की सूचना नियंत्राण कक्ष को दें एवं यथासंभव उनके सहयोग के लिए तत्पर रहें।