Bhilwara News (भूपेन्द्र औझा)- देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने दूसरी बार फिर फैसला सुना दिया है कि राजस्थान सरकार द्वारा गठित19 नई पंचायत समिति (Panchayar Simiti) तथा 204 ग्राम पंचायतें (Gram Panchayat)यथावत रहेंगी। सुप्रीम कोर्ट ने नागौर के रतनपुर ग्राम निवासी नारायण सिंह की याचिका पर आज शुक्रवार को सूनवाई करते हुए खुलासा किया है कि ” पंचायतो के गठन (Formation of Panchayats)का राज्य सरकार को अधिकार है और उसे खारिज नहीं किया जा सकता है।”इससे एक बार फिर पंचायतीराज महकमे के पाले में गेंद आ, शीघ्र चुनाव कराने की तलवार लटक गई है।
पंचायतीराज मंत्री सचिन पायलट प्रदेश के पंचायतीराज पदों पर सात फरवरी को समाप्त हो रही मियाद के बाद प्रशासक लगाने के खिलाफ अपनी खुली राय जाहिर कर चुके हैं। दूसरी ओर चुनाव आयोग ने नई पंचायतों के गठन व उनके आरक्षण की लॉटरी निकाल लेने के बाद आयोग को भेजी जाने वाली नई ग्राम पंचायतों की सूचीओर उसके बाद चुनाव आयोग को नईग्राम पंचायत की मतदाता सूची तैयार करने में नियमानुसार कम से कम एक माह का समय लगता है।
फिर उसके बाद चुनाव आयोग को वहां चुनाव प्रक्रिया को मुकम्मल कराने में एक माह लगेगा।इस नाते पंचायत राज महकमे को यथाशीघ्र फिर लाटरी निकालने के बाद भी प्रदेश में तीन चुनाव चरण के बाद शेष 4366ग्राम पंचायत में सरपंच-पंच, ओर पंचायत समिति-जिला परिषद सदस्य तथा प्रधान, जिला प्रमुख के चुनाव मुक्म्मल कराने में करीब तीन महीने लग सकते है।
जबकि प्रदेश में पंचायत राज पदों को कार्यकाल फरवरी के पहले हफ्ते में पूरा हो रहा है।इस नाते चुनाव से वंचित 4366ग्राम पंचायत में सरपंच ओर सभी पंचायत समिति में प्रधान तथा जिला प्रमुख की जगह प्रशासक नियुक्ति करने होंगे।