कोटा। कोरोना से बचाव के लिए चिकित्सा विभाग की ओर से जारी टीकाकरण अभियान के तहत एक बुजुर्ग की टीका लगने के अगले ही दिन गुरुवार को मौत होने के बाद प्रशासन में हड़कम्प में मच गया। चिकित्सा विभाग की ओर से दलील दी जा रही है कि बुजुर्ग की मौत वैक्सीन लगने से नहीं बल्कि सामान्य स्ट्रोक के कारण हुई है।
कोटा ग्रामीण कैथून थाना क्षेत्र के बालुहेड़ा ग्राम पंचायत गरमोड़ी गाव निवासी बहादुर सिंह (62) पुत्र दुर्गम सिंह ने बुधवार को बालुहेड़ा पीएचसी में कोविड वेक्सीन का पहला टीका लगवाया था। जिन्हें आधे घंटे तक चिकित्सकों की निगरानी में रखा गया, बाद में बुजुर्ग अपने घर आ गया। रात को आराम से नींद निकलने के बाद बुजुर्ग बहादुर सिंह रोज की तरह सुबह नींद से उठा और करीब 6 बजे उसने चाय पी। चाय पीने के कुछ देर बाद ही बुजुर्ग की तबियत बिगड़ गई ओर वह बैठे-बैठे ही गिर गया। परिजन को पता चलते ही वह बुजुर्ग को कैथून सीएचसी लेकर पहुचे जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद बुजुर्ग को मृत घोषित कर दिया।
परिजनों का आरोप
मृतक के परिजनों ने आरोप लगाते हुए कहा कि बहादुर सिंह को किसी प्रकार की कोई बीमारी नहीं थी और ना ही उनका पूर्व में किसी प्रकार का उपचार चल रहा था, वह पूरी तरीके से स्वस्थ थे। बुधवार को दोपहर 12 के लगभग कोविड-19 का प्रथम टीका लगवाने के लिए बालूहेड़ा पीएससी गए। टीका लगवाने के अगले ही दिन सुबह चाय पीते ही अचानक तबीयत बिगड़ी और वह गिर गए जिससे उनकी मौत हो गई।
अफवाहों से बचे
कोरोना वैक्सिन लगवाने के बुजुर्ग की मौत होने की सूचना जैसे ही प्रशासन को लगी तो अधिकारियों में हड़कंप मच गया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर भूपेंद्र सिंह तंवर ने बताया कि 62 वर्षीय बहादुर सिंह की मृत्यु सामान्य स्ट्रोक के कारण हुई है। उनके इस मौत का कोविड-19 के वैक्सीनेशन का कोई संबंध नहीं है। उन्होंने लोगों को सलाह दी है कि वह वैक्सीनेशन को लेकर किसी भी तरह की अफवाह से बचें। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद बुजुर्गों का शव परिजनों को सौंप दिया। पुलिस का कहना है कि बुजुर्ग की मौत के स्पष्ट कारणों का पता नहीं चल पाया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों का पता चल पाएगा। पीड़ित परिजनों की रिपोर्ट पर पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान शुरू कर दिया है, मामले की जांच की जा रही है।