कोरोना वायरस- किस-किस पर कितने दिन रहता पढे पूरी खबर

Dr. CHETAN THATHERA
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Jaipur news । कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया ,देश और प्रदेश मे तबाही मचा रखी है । केन्द्र और राज्र सरकारे तदा स्थानीय जिला प्रशासन हर सभंव प्रयास कर रहे है उपाय कर रहे है लेकिन सब फैल हो लहे है और कोरोना वायरस अपना जाल फैलाने से रूक नही पा रहा है । इस वायरस से बचाव व रोकथाम के लिए मास्क, गब्स, सेनेटाइजर जैसे उपाय किए जा रहे है लेकिन यह कितने कारगर है ? क्या मास्क से रोकथाम हो सकती है ? यह वायरस कैसे फैलता है इस सबंधं मे विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आगह किया कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए सिर्फ मास्क पहना ही काफी नहीं है।

आप इनसे रहे सावधान

विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम ग्रेब्युरेसस ने कहा, ‘मास्क को सिर्फ बचाव के तौर पर पहना जा सकता है। यह कोई हल नहीं है। सिर्फ मास्क पहनने से कोविड-19 महामारी को नहीं रोका जा सकता।’ कोविड-19 बीमारी के लिए जिम्मेदार कोरोना वायरस चेहरे पर लगाए जाने वाले मास्क पर हफ्ते भर तक और बैंकनोट, स्टील एवं प्लास्टिक की सतह पर कई दिनों तक जिंदा रहकर संक्रमण फैलाने में सक्षम होता है। एक अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है।
हांग कांग यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ताओं का कहना है यह वायरस घर में इस्तेमाल होने वाले कीटाणुनाशकों, ब्लीच या साबुन और पानी से बार-बार हाथ धोने से मर जाएगा। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने बताया कि अध्ययन में पाया गया कि कोरोना वायरस स्टेनलेस स्टील और प्लास्टिक की सतहों पर चार दिन तक चिपका रह सकता है और चेहरे पर लगाए जाने वाले मास्क की बाहरी सतह पर हफ्तों तक जिंदा रह सकता है।यह अध्ययन सार्स-सीओवी-2 की स्थिरता को लेकर लगातार हो रहे अनुसंधानों में और जानकारी जोड़ता है तथा बताता है कि इसको फैलने से कैसे रोका जा सकता है। हांग कांग यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के अनुसंधानकर्ता लियो पून लितमैन और मलिक पेरीज ने कहा, ‘सार्स-सीओवी-2 अनुकूल वातावरण में बेहद स्थिर रह सकता है लेकिन यह रोगाणु मुक्त करने के मानक तरीकों के प्रति अतिसंवेदनशील भी है।

अनुसंधानकर्ताओं ने जांचने की कोशिश की कि यह वायरस सामान्य ताप पर विभिन्न सतहों पर कितनी देर संक्रामक रह सकता है। उन्होंने पाया कि प्रिंटिंग और टिशू पेपर पर यह तीन घंटे जबकि लकड़ी या कपड़े पर यह पूरा एक दिन रह सकता है।

कांच और बैंकनोट पर यह वायरस चार दिन तक जबकि स्टेनलेस स्टील और प्लास्टिक पर चार से सात दिन के बीच संक्रामक रहा। यह अध्ययन ‘द लांसेट’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

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चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा,सी ई ओ, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम