Jaipur News – केन्द्रीय बजट को लेकर कयास तो कई लग रहे हैं लेकिन राजस्थान को भी इससे कई उम्मीद हैं। उद्योग जगत की तो इस पर निगाह है ही, साथ ही राज्य सरकार को भी लंबित पड़ी कई योजनाओं को मंजूरी मिलने की उम्मीद है। देश में ग्वारगम के सबसे बड़े एक्सपोर्टर राजस्थान को जोधपुर में रिसर्च सेंटर और टेस्टिंग लैब का इंतजार है।
इसे लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को पिछले दिनों पत्र भी भेजा है। इसी तरह ईस्टर्न कैनाल प्रोजक्ट को लेकर भी सरकार को उम्मीद है। इससे 12 जिलों जिसमें सवाई माधोपुर, करौली, भरतपुर, धौलपुर और जयपुर का भी कुछ हिस्सा शामिल है, को सिंचाई के साथ पानी की जरूरतों को पूरा किया जा सकता है। करीब 42 हजार करोड़ रुपए का यह प्रोजक्ट भी केन्द्र के पास लंबे समय से अटका पड़ा है जिसकी डीपीआर भी केन्द्र को भेजी जा चुकी है। नदियों को जोडऩे का प्र्रस्ताव भी केन्द्र की मंजूरी के इंतजार में है।
ज्वैलर्स भी राहत की उम्मीद में
राज्य में खासकर जयपुर के ज्वैलरों को भी केन्द्र से राहत की आस है। इनकी सबसे बड़ी मांग सोने पर आयात शुल्क में कमी की है जो अभी 12.25 फीसदी है। इसके लिए केन्द्र सरकार को कई बार लिखा जा चुका है। ज्वैलर्स का कहना है कि सोने पर आयात शुल्क कम नहीं होने से उनका इंटरनेशनल मार्केट में टिका रहना मुश्किल हो रहा है।
मेडिकल कॉलेज की भी आस
राज्य में अब सिर्फ तीन जिले जालौर, राजसमंद और प्रतापगढ़ ही है जहां मेडिकल कॉलेज नहीं है। सरकार को उम्मीद है कि केन्द्र इसके लिए मदद की घोषणा कर सकती है। कॉलेज के लिए केन्द्र से प्रति कॉलेज 350 करोड़ रुपए मिलते हैं।
रेलवे को लेकर ज्यादा उम्मीद नहीं
अब जबकि रेल बजट आम बजट का हिस्सा बन चुका है तो इसे लेकर राज्य ज्यादा आस लिए नहीं है। इसका बड़ा कारण यह है कि रेल मंत्री पहले ही कह चुके है कि उनकी प्राथमिकता नए प्रोजेक्ट लाने की बजाय पुरानों को पूरा करने की है।