गांव से लेकर शहर तक हवा, पानी, खानपान व पर्यावरण सब खराब होते जा रहे है-सुखराम विश्नोई

liyaquat Ali
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Sukhram Vishnoi addressing in ISHWMCON

Jaipur News / Dainik reporter – इंडियन सोसाइटी ऑफ हॉस्पिटल वेस्ट मैनेजमेंट तथा महात्मा गांधी मेडिकल यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित दो दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस हैल्थ केयर वेस्ट मैनेजमेंट, एंटी बायोटिक्स (Anti biotics) के अनिंयंत्रित प्रयोग तथा जलवायु परिवतर्न विषयों पर चर्चा के साथ शनिवार को सीतापुरा स्थित आर एल स्वर्णकार ऑडिटोरियम में शुरू हुई। कान्फ्रेन्स में देश विदेश के चिकित्सक तथा वैज्ञानिकों ने हिस्सा लेकर बायो वेस्ट जनित संक्रमण रोकने के बारे में मंथन किया। अस्पतालों के अपषिष्ट पदार्थों से होने वाले संभावित खतरों से सम्बन्धित इस महत्वपूर्ण कॉन्फ्रेंस मेंं चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग तथा राजस्थान राज्य प्रदूषण बोर्ड तकनीकी सहयोगी है।

 

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वन व पर्यावरण मंत्री सुखराम विश्नोई (Forest and Environment Minister Sukhram Vishnoi)ने कहा कि गांव से लेकर शहर तक हवा, पानी, खानपान व पर्यावरण सब खराब होते जा रहे है। बायोवेस्ट का निस्तारण एक बडी चुनौती हो गई है। धरती का तापमान बढ रहा है। आने वाले पीढियों के सामने गंभीर चुनोतियां सामने होंगी। विष्नोई ने कहा गौमूत्र, गोबर, नीम से अनेक बीमारियों का निदान होता है।

इंडियन सोसाइटी ऑफ वेस्ट मैनेजमेंट डॉ. अशोक अग्रवाल व कॉन्फ्रेंस आयोजन समिति अध्यक्ष मेजर जनरल डॉ. एस सी पारीक ने बताया कि काफ्रेंस कुशल हैल्थकेयर वेस्ट मैनेजमेंट, एंटीबाएटिक दवाओं के नियंत्रित प्रयोग तथा पर्यावरण संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे हैं। उन्होंने बताया कि उद्घाटन अवसर पर महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी के एमेरिटस चेयरपर्सन डॉ. एम एल स्वर्णकार, चेयरपर्सन डॉ. के पी शेरिेंग, डॉ. जिग्मी सिंग्वे, नेवी मेडिकल सर्विसेज के मेडिकल डाइरेक्टर वाइस एडमिरल डॉ. एम वी सिंह, एयर मार्शल डॉ. पवन कपूर, प्रो वाइस चांसलर डॉ सुधीर सचदेव, प्राचार्य डॉ जीएन सक्सैना सहित दो सौ से अधिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।

महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी के एमेरिटस चेयरपर्सन डॉ. एम एल स्वर्णकार ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण की जिम्मेदारी पूरे समाज की है। अस्पतालों में हैल्थकेयर वेस्ट का नियमानुसार निष्पादन होना चाहिए।

हॉस्पिटल वेस्ट मैनेजमेंट पर बैंगलूरू से आए डॉ. हेमंथ, डॉ. सुमन, डॉ. ललिथा ने हिस्सा लिया। इसके अलावा बायो मेडिकल वेस्ट मैंनेजमेंट में बार कोडिग के महत्व, चुनौतियां, खतरे, द्रवीय बायो वेस्ट के प्रबंधन आदि विषयों पर चर्चा हुई। कार्यषाला का समापन रविवार को होगा।

 

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