जयपुर में महिला संगठनों द्वारा सीएए, एनआरसी, एनपीआर के विरोध में महिलाओं का प्रदर्शन

liyaquat Ali
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Jaipur News (फिरोज़ उस्मानी ) – देश व संविधान को बचाना है, भारत सरकार नागरिकता संशोधन कानून(NRC) वापस लों जैसे महिलाओं के एकजुट आवाज में जयपुर शहर गूंज उठा। हजारों की संख्या में जुटी सभी धर्म व वर्गो की महिलाएं एकजुट होकर  सीएए, एनआरसी, एनपीआर (CAA,NRC,NPR ) का विरोध किया।

केन्द्र सरकार द्वारा लाए गए नागरिकता संशोधन कानून व राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के फैसले के खिलाफ जयपुर में आज अनेक महिला संगठनों द्वारा सभी धर्मा की महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन आयोजित किया। जामिया मिलिया व अलीगढ़ युनिवर्सिटी की छात्राओं के समर्थन में सामाजिक सगंठनों, धार्मिक संगठन, सविंधान बचाऔं सघंर्ष समिति व राष्ट्रीय मुस्लिम फोरम में आई।

हजारों की संख्या में रामनिवास बाग के अल्बर्ट हॉल के सामने सभा  आयोजित की गई है। कांग्रेस की पदाधिकारी शाहिस्ता रिज़वी ने भी सभा को संबोधित किया। इसके साथ ही यास्मीन फारूकी भी शामिल है। इस विरोध प्रदर्शन में सुबह से हजारों महिलाओं की भीड़ जुटना शुरू हो गई थी। सीएए व एनआरसी के विरोध में सरकार पर दबाव बनाने के लिए पूरे भारत में विरोध प्रदर्शन चल रहा है।

वही दूसरी और भाजपा सरकार ने इसके नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है। जयपुर के अल्बर्ट हॉल पर महिलाओं की ओर से सीएए, एनआरसी व एनपीआर के विरोध में आयोजित सभा में भारी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया। महिलाएं अपने हाथों में तख़्तियाँ लिए हुए थीं जिन पर सीएए को रद्द करने तथा एनआरसी व एनपीआर को लागू न करने की मांग वाले नारे लिखे थे।

सभा को संबोधित करते हुए जामिया मिल्लिया इस्लामिया की छात्रा तथा छात्र संघर्ष की नेता आयशा रैना ने कहा कि मौजूदा सरकार ने सत्ता में आते समय संविधान की शपथ ली थी, मनु स्मृति की नहीं अतः उसे संविधान के अनुसार देश को चलाना चाहिये। उन्होंने कहा कि आज यहाँ जयपुर की महिलाएं हंगामा करने के लिए नहीं बल्कि संविधान की रक्षा करने के लिये जमा हुई हैं और हमारी लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक कि सरकार इन काले क़ानूनों को वापस नहीं ले लेती।

सीएए, एनआरसी व एनपीआर विरोधी जन-आन्दोलन के संयोजक सवाई सिंह ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि जब तक यह संविधन विरोधी, जनविरोधी काला क़ानून रद्द नहीं होता तब तक यह संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने राजस्थान सरकार से मांग की कि वह भी केरल व पंजाब की तर्ज पर यह सुनिश्चित करे कि प्रदेश में यह क़ानून लागू नहीं किया जाएंगा तथा एनआरसी व एनपीआर को भी लागू न करे।

इस अवसर पर जमाअते इस्लामी हिन्द की महिला प्रदेश सचिव रुबीना अबरार ने कहा कि सरकार की जन विरोधी नीतियों के कारण दुनिया भर में देश की छवि ख़राब हो रही है, जयपुर की महिलाएं अब जाग गई हैं और वे संविधान की रक्षा के लिए आख़िरी दम तक संघर्ष करेंगी। राजस्थान विश्वविद्यालय की छात्र संघ अध्यक्ष पूजा वर्मा ने कहा कि देश के संविधान से खिलवाड़ करने वालों को सबक़ सिखाना चाहिये, इस लड़ाई में राजस्थान विवि छात्र संघ साथ खड़ा है।

एसोसिएशन फोर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स की महिला अध्यक्ष रुख़साना उस्मान ने कहा कि हम भारत में पैदा हुए हैं और किसी की ताक़त नहीं कि कोई हमें यहाँ से निकाल सके। शिया मुस्लिम समाज की प्रतिनिधि मैमूना नर्गिस ने कहा कि हमारा संविधान किसी एक धर्म के लिए नहीं है वह धर्म निरपेक्ष है, हम इस देश के नागरिक हैं यह साबित करने की हमें कोई ज़रूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि महिलाएं अगर ठान लें तो इतिहास बदल सकती हैं।

सीपीआईएम की प्रदेश महासचिव सुमित्रा चोपड़ा ने कहा कि मौजूदा सरकार की देश की आज़ादी में कोई भूमिका नहीं रही, आज वे हम से हमारी पहचान पूछ रहे हैं यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। एसडीपीआई की यास्मीन फ़ारुक़ी ने कहा कि जाहिलों से पढ़े लिखे लोग और छात्र बर्दाश्त नहीं हो रहे हैं, जो हमारे वोटों से सरकार बनाते हैं वे हमारी नागरिकता का सबूत मांग रहे हैं।

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की छात्रा वर्दा बैग ने कहा कि इन क़ानूनों के माध्यम से सरकार मुसलमानों की पहचान समाप्त करना चाहती है, लेकिन हम इस देश में अपनी पहचान के साथ ही जियेंगे। उन्होंने कहा कि यदि आवश्यकता पड़ी तो हम सभी नागरिक देश की राजधानी का घेराव करेंगे। एएमयू की एक और छात्रा मेहविश ने कहा कि सरकार हमसे इसलिये डरती है क्योंकि हम इनसे देश के मुद्दों पर सवाल पूछते हैं, हम सरकार को चुन सकते हैं तो उसे गिरा भी सकते हैं। वीमन इण्डिया मूवमेंट की मेहरुन्निसा ख़ान ने कहा कि यदि केन्द्र सरकार अपनी हरकतों से बाज़ नहीं आई तो देश का हर हिस्सा शाहीन बाग़ बन जाएगा।

सभा में छात्र-छात्राओं ने न्याय की मांग करने वाले गीत गाए तथा इंक़लाब व आज़ादी के नारे भी लगाए।

इस अवसर पर एनएफडब्ल्यूआई की निशा सिद्धू, एएमयू की छात्रा तज़ईन जुनैद, जइहिं की जयपुर संयोजिका नासिरा ज़ुबैरी, सेवा निवृत्त युवा मामलात पूर्णिमा काटकर, मंजू लता, भीम आर्मी की महिला अध्यक्ष डा. नीलोफर ख़ान, वहदते इस्लामी की सुमय्या सालिहा, जइहिं की प्रदेश महिला सहसंयोजिका शमा परवीन ने भी अपने विचार व्यक्त किये।

इस अवसर पर उपस्थित प्रमुख लोगों में महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष लाड कुमारी जैन व पवन सुराणा, जमाअते इस्लामी हिन्द के प्रदेशाध्यक्ष मुहम्मद नाज़िमुद्दीन, राजस्थान नागरिक मंच की हेमलता कंसोटिया, दलित मुस्लिम एकता मंच के अध्यक्ष अबदुल लतीफ आरको, संवैधानिक अधिकार संगठन की की सीमा कुमारी, एसडीपीआई के डॉ. शहाबुद्दीन, पीएफआई के प्रदेशाध्यक्ष मुहम्मद आसिफ़, एपीसीआर के संयुक्त सचिव मुज़म्मिल रिज़वी, राजस्थान नागरिक मंच के आरसी शर्मा,  अनिल गोस्वामी, बसंत हरियाणा, पवन देव, सामाजिक कार्यकर्त्ता हेमेंद्र गर्ग व धर्मेन्द्र अचरा आदि शामिल थे।

मंच का संचालन जीआईओ की प्रदेशाध्यक्ष ख़ान शाहीन और कार्यकारिणी सदस्य सबा नाज़ ने किया।

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