Jaipur News / Dainik reporter – राज्य के अस्पतालों (Hospitel) में सुरक्षा सहित अन्य मांगों को लेकर प्रदेशभर के रेजीडेंट चिकित्सक (Resident doctor) मंगलवार को कार्य बहिष्कार कर हडताल पर चले गए। रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (Resident Doctors Association)की ओर से सरकार को दिया 15 दिन का समय पूरा होने के बाद हड़ताल की घोषणा की गई है। इस बीच मंगलवार को सुबह से ही सरकार और रेजीडेंट्स के बीच वार्ताओं का दौर शुरू हो गया.
लेकिन सुबह चिकित्सा मंत्री और दोपहर को अधिकारियों के हुई वार्ता के बाद भी किसी बात पर सहमति नहीं बन पाई। इधर, रेजीडेंट्स के हडताल पर जाने से अस्पतालों की व्यवस्था गडबडा गई वहीं वैकल्पिक इंतजाम के चलते सीनीयर डाक्टरों ने मोर्चा संभाला। एसएमएस में आपातकालीन इकाई और वार्ड में मरीज और उनके परिजन परेशान होते दिखाई दिए।
हड़ताल की घोषणा के बाद सुबह 9 बजे से पहले चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा (Medical and Health Minister Dr. Raghu Sharma) ने एसोसिएशन के प्रतिनिधियों को अपने आवास पर वार्ता के लिए बुलाया। इस दौरान चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया के साथ एसएमएस मेडिकल कॉलेज के एडिशनल प्रिंसिपल डा. अमरजीत मेहता और डॉ. राजेश शर्मा भी शामिल हुए। करीब एक घंटे तक चली बातचीत के बाद भी कोई सहमति नहीं बन पाई।
हालांकि चिकित्सा मंत्री ने वार्ता सफल होने का दावा किया लेकिन हडताल समाप्त नहीं हुई। इसके बाद दोपहर को अधिकारियों के साथ भी बातचीत हुई लेकिन उसमें भी कोई हल नहीं निकल सका और रेजीडेंट्स ने हडताल जारी रखने की घोषणा कर दी।
बता दें कि रेजीडेंट डॉक्टर्स 4 सूत्री मांगों को लेकर 15 दिनों पूर्व हडताल की घोषणा की थी लेकिन चिकित्सा मंत्री से मिले आश्वासन के बाद हडताल को 15 दिनों के लिए टाल दिया गया था। इन 15 दिनों में रेजीडेंट्स की एक मांग तो मान ली गई लेकिन अन्य मांगों पर कार्रवाई के लिए राज्यभर के रेजीडेंट्स सुबह 9 बजे से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए।
प्रदेशभर में रेजीडेंट्स के हड़ताल पर जाने से सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा सेवाएं प्रभावित हुई। एसएमएस में वार्ड नर्सिंग स्टाफ के भरोसे और आपातकालीन इकाई का
भार वरिष्ठ चिकित्सकों के कंधों पर रहा।
यह है मांगें
– चिकित्सा शिक्षा में फीस वृद्धि वापस ली जाए।
– सभी रेजिडेंट डॉक्टर्स को आवास की सुविधा दी जाए, आवास सुविधा के अभाव में हाउस रेंट अलाउंस का भुगतान किया जाए।
– सीनियर रेजिडेंटशिप के लिए जारी की गई एनओसी को सभी मेडिकल कॉलेजों में मान्यता दी जाए।
– पीजी थिसिस की जांच प्रक्रिया को वर्ष 2017 के समझौते के अनुसार लागू किया जाए।
– राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों में केंद्रीयकृत सुरक्षा व्यवस्था लागू हो।
– रेजिडेंट डॉक्टर्स के लिए मूलभूत सुविधाएं पीने के पानी, मेस और कैंटीन की सुविधा मुहैया करवाई जाए।