यूट्यूब देख बच्चे का अपहरण, हत्या कर मांगी फिरौती, पुलिस की तेज निगाहो से पकडा गया गिरफ्तार

Dr. CHETAN THATHERA
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जोधपुर । शहर के भीतरी क्षेत्र कुम्हारियां का कुआं इलाके में सात साल के मासूम हिमांशु के अपहरण और हत्याकांड का पुलिस ने बुधवार देर रात पर्दाफाश कर कातिल का गिरेबान पकड़ लिया। मगर इसके लिए पुलिस ने 12 घंटे की कड़ी मशक्कत के साथ ही साइबर एक्सपर्ट को लगाया, कारण वाटसअप पर दस लाख की फिरौती मांगना रहा। यहीं वह वजह रही कि वह पकड़ा गया। वर्चुअल नंबर को कैसे वाटसअप कॉलिंग कर सके और खुद वारदात को अंजाम दे सके इसके लिए कातिल किशनगोपाल सोनी पिछले पांच दिन से योजना बना रहा था। उसे जुआ खेलने की लत थी। वह ऑन लाइन जुआं खेलते हुए तकरीबन पचास हजार रुपये हार चुका था। ऐसे में उस पर उधारी चढ़ गई। पैसे मांगने वाले परेशान करने लगे। तब उसके लिए योजना बनाई। अब सवाल यह भी है कि आखिरकार उसने हिमांशु को ही क्यूं चुना। इस सवाल पर पुलिस जांच करेंगी।

घटनाक्रम कुछ यूं शुरू हुआ:

मूलत: बीकानेर के तीन खंभा छोटी गवाड का रहने वाला सूरज रतन सोनी कई साल पहले जोधपुर आया गया था।
उसका परिवार अभी वर्तमान में जोधपुर के कुम्हारियां कुआं में रहता है। पत्नी, बेटा व बेटी है। बेटा किशनगोपाल सोनी दसवीं तक पढ़ा है, मगर वह दसवीं फेल है। वह मोबाइल को अच्छा जानकार है, साथ ही उसे ऑन लाइन जुआं खेलने की भी लत है। वह ऑन लाइन जुआ खेलते हुए तकरीबन 50 हजार रुपए हारा हुआ है। जिसका कर्जा उस पर चढ़ा है। मांगने वाले रोज परेशान करने लगे। फिर पैसों को चुकाने के लिए योजना बनाने लगा और खुद के ऐशोआराम का भी शौक है।

वह पिछले चार पांच दिनों ये योजना बना रहा था कि पैसों की तंगी को कैसे दूर किया जाएं। मोबाइल का जानकार तो है ही वह यूट्यूब पर जाता है। वह किसी बच्चे के अपहरण की योजना और फिरौती वसूली को सोचता है। मगर उसे पुलिस नहीं पकड़ सके इसके लिए वह यूट्यूब पर सर्च करता है कि कैसे अपनी आइपी मास्क को छुपाया जाएं। ताकि खुद के वर्चुअल नंबर पुलिस के हाथ नहीं लगे। वह अंतिम चार डिजिट के लिए सक्सेस हो जाता है।

हिमांशु को उठाता है..

यूट्यूब पर तकनीकि बारिकियां सीखने के बाद वह पड़ौसी हिमांशु को उठाने की योजना बनाता है। उसे सोमवार की अपरान्ह में अपने घर पर ले आता है। वक्त घटना किशनगोपाल सोनी अपने घर में अकेला होता है और बच्चा शोर ना मचाएं इसके लिए वह किसी कपड़ा या गमछे से गला घोंट देता है।

घर में है चार पांच कमरें:

गला घोंटने के बाद हिमांशु के शव को आटे के कट्टे में डालता है और खुद जिस कमरें में रहता है वह छुपाकर रख देता है। परिवार के लोग दूसरे दिन घर पर लौटते है, यह बात किशनगोपाल सोनी जानता है कि वह आटे के कट्टे को ठिकाने लगा देगा। वह पहले से ही एक जगह को चिन्हित कर लेता है। आटे के कट्टे को रस्सी से बांधता है और अलसुबह यानी मंगलवार को सूने स्थान जहां पर हिमांशु का शव मिला वहां पर फेेंक आता है। कट्टे का रस्सी से बांधता है, मगर हत्या को 24 घंटे से ज्यादा बीतते तब तक बॉडी फूल जाती है। घटनास्थल पर बॉडी फू ली होने के साथ ही रस्सी भी गोल होती मिली है।

फिर व्हाट्सअप कॉलिंग से रूपयों की मांग:

चूंकि हिमांशु मर चुका था, फिर भी उसने व्हाट्सअप पर कॉल कर रूपयों की मांग क्यूं यह पुलिस के लिए एक सवाल छूट गया है। हालांकि यह स्पष्ट हो चुका है कि वह जुआ में रकम हारा हुआ है। अब उसे रूपयों की जरूरत थी। तब उसने व्हाट्सअप कालिंग को जरिया बनाया। अंतिम चार डिजिट जोकि वह यूट्यूब पर सीख चुका था और कालिंग की।

पुलिस की पहली अहम कड़ी व्हाट्सअप कालिंग:

पुलिस उपायुक्त धर्मेंद्र सिंह यादव को व्हाट्सअप कालिंग का पता लगा। तब उन्होंने हत्यारें की पकड़ के लिए साइबर एक्टपर्ट का सहारा लिया। डांगियावास थानाधिकारी कन्हैयालाल साइबर एक्सपर्ट है। साथ में लिया गया मंडोर थानाधिकारी सुरेशचंद्र सोनी को। फिर वाटसअप कालिंग पर चैट आदि को खंगाला गया। नंबरों की पुष्टि हुई। पुलिस को यह भी पता था कि अपराधी मोर्चरी पर आएगा और नाटक भी करेगा।

घटनास्थल पर मिला आटे का कट्टा:

अब पुलिस के लिए दूसरी कड़ी जुड़ा वो आटे का कट्टा जोकि घटनास्थल पर पाया गया। फिर उसके बैच नंबर देखे गए। पता लगा कि यह तो नया है। कंपनी से संपर्क करने से पहले पुलिस ने आस पास के घरों की तलाशी की योजना बनाई। इसके लिए महामंदिर थानाधिकारी लेखराज सिहाग को चुना गया। सबसे बड़ी बात रही कि लेखराज सिहाग सबसे पहले किशनगोपाल सोनी के घर में ही घुसे। वहां पर तलाशी में आटे का कट्टा मिला, उसे चेक किया तो पता लगा कि बिलकुल उसी बैच का है। किशनगोपाल सोनी घर पर ही था। उसकी आंखें सूजी हुई थी।

दो दिन तक नहीं सोया था:

किशनगोपाल सोनी की आंखें सूजी हुई मिली। तब पुलिस का शक पुख्ता होने लगा। जाहिर सी बात है अपराधी हत्या के बाद शव को ठिकाने लगाने की योजना में दो दिन से सो नहीं पाया था और प्लानिंग चल रही थी। उसकी सूजी आंखों को लेखराज सोनी की आंखों ने पहचान लिया। फिर क्या कातिल के गिरेबान में पुलिस का हाथ पड़ा और वह धरा गया।

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चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा,सी ई ओ, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम