Jodhpur News। बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर मंगलवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। पांच साल की बच्ची कोर्ट में पेश हुई। फिलहाल इस मामले में फैसला सुरक्षित रखा गया है। हाईकोर्ट ने नाना,नानी, मौसी व अधिवक्ता दीपेश बेनीवाल को विशेष रूप से अनुमति दी थी। इसमें ऑनलाइन की बजाय आज कोर्ट परिसर में सुनवाई हुई। आरोपित दादा दादी के साथ बच्ची भी हुई न्यायालय में पेश की गई। यह बच्ची अपनी मां की हत्या की मुख्य गवाह है।
राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश संदीप मेहता व मनोज कुमार गर्ग की खंडपीठ ने यह सुनवाई की। मां की हत्या को लेकर पिता के अलावा दादा दादी पर भी आरोप लगाया था।
फिलहाल दादा दादी के खिलाफ चालान पेश नहीं किया गया है। यह बच्ची बाल कल्याण समिति के निर्देश के बाद दादा के पास ही रह रही है। गत सुनवाई पर राजस्थान उच्च न्यायालय ने पुलिस प्रशासन को बच्ची को कोर्ट में पेश करने के आदेश जारी किए थे।
बता दें कि खंडपीठ में पांच वर्षीय बालिका के नाना की याचिका पर गत दिनों सुनवाई हुई। उनकी तरफ से खंडपीठ को बताया गया कि उनकी पुत्री सुनीता कंवर की शादी हरियाणा के भिवानी निवासी परविन्दर सिंह के साथ की गई थी। इस वर्ष की शुरुआत में सुनीता कंवर की हत्या हो गई। हत्या के समय बच्ची अपनी मां के साथ में थी। मोहनसिंह की ओर से कहा गया कि बाद में उसके बयान 164 में दर्ज किए गए। इसमें बच्ची ने कहा कि मेरे पापा ने मम्मी को मार दिया। इसके बावजूद भिवानी के अनुसंधान अधिकारी व बाल कल्याण समिति ने 19 मार्च 2020 को बच्ची की कस्टडी उसके पिता व दादा-दादी को सुपर्द करवा दी। मुख्य गवाह होने के कारण अपने दादा-दादी के साथ रह रही बच्ची की जान को खतरा है। यह बच्ची पहले से ही जोधपुर के एक स्कूल में पढ़ाई कर रही थी।