Jodhpur News। राजस्थान उच्च न्यायालय ने धोखाधड़ी एक प्रकरण में आपराधिक एकल पीठ याचिका को निस्तारित करते हुए स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच करने के आदेश पारित किए है।
याची के अधिवक्ता प्रवीण दयाल दवे ने बताया कि याची मोनिका वेद ने नरेश बोथरा व अन्य के विरुद्ध पुलिस थाना उदयमंदिर जोधपुर मे धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज करवाया था, जिसमें पुलिस द्वारा स्वतंत्र व निष्पक्ष अनुसंधान न किए जाने पर राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर में मोनिका ने याचिका प्रस्तुत कर बताया कि उसके द्वारा पद्मावती प्रॉपर्टी डीलर के माध्यम से गोकुलधाम सिटी, रोहिट ,पाली स्थित योजना में निवेश किया गया। उसके द्वारा दो भूखंडों को 320000 में खरीद किया गया। इसका भुगतान उसके द्वारा टुकड़ों टुकड़ों में कर दिया गया। वर्ष 2013 में भुगतान करने के बावजूद प्रॉपर्टी डीलर द्वारा रजिस्ट्री नहीं करवाई गई, नहीं रुपयों का वापस भुगतान किया गया। जिस पर उनके विरुद्ध थाना उदय मंदिर जोधपुर में एफआईआर दर्ज करवाई गई। जिसमें उस पर लगातार पुलिस द्वारा राजीनामे का दबाव बनाने, साक्ष्य न लेने , दस्तावेज बरामद न करने , स्वतंत्र व निष्पक्ष जांच न करने पर राजस्थान उच्च न्यायालय की शरण ली गई। जिसमें न्यायालय द्वारा याचिका स्वीकार करते हुए संबंधित एसपी के समक्ष रिप्रेजेंटेशन प्रस्तुत करने और उसे विधि के तहत निस्तारित करने के आदेश पारित किए गए। ज्ञात रहे पूर्व में थाना उदय मंदिर में पद्मावती प्रॉपर्टी के संचालक नरेश बोथरा ,ललित बोथरा, महावीर चंद बोथरा ,अनिल जैन, सूरज ,अशोक ,भोमाराम, गुमान व अन्य के के विरुद्ध प्राथमिक रिपोर्ट दर्ज करवाई थी।