जहां स्वार्थ की गंध है वहां प्रेमरूपि बगीचा उजड़ जाता हैः आचार्य ज्ञान सागर महाराज

liyaquat Ali
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जहाजपुर ( आजाद नेब ) स्वस्तिधाम में धर्मसभा को संबोधित करते हुए आचार्य ज्ञान सागर महाराज ने कहा कि मनुष्य जीवन मिलना सौभाग्य की बात है। हमें जीवन में वात्सल्य भाव रखना चाहिए। जो कोई भी व्यक्ति दूसरों के प्रति प्रेम व वात्सल्य का भाव रखता है उसका जीवन सदा सुखी रहता है। जीवन में शांति भंग न हो इसका विशेष ध्यान रखे। जहां स्वार्थ की गंध है वहां प्रेमरूपी बगीचा उजड़ जाता है। महाराजश्री ने आत्मा की महिमा को समझाते हुए कहा कि जीवन में राग, द्वेष, मोह ये सब शत्रुता व अशांति के प्रतीक है।

मनुष्य जीवन मिला है इसमें वात्सल्य को स्थान दीजिए। आर्यिका रत्न स्वस्तिभूषण माताजी ने कहा कि सरस्वती के हाथ में जो किताब है वो हमें पढ़ने का संदेश देती है। लेकिन आज की पीढ़ी मोबाइल में व्यस्त है। जो बातें शास्त्र पढ़ने से मिलती है वो मोबाइल में नहीं है। आज की पीढ़ी को इंटरनेट की दुनियां से सावधान रहने की जरूरत है। शास्त्र में हमारे जीवन को सही दिशा देने के बारे में बताया जाता है। शास्त्र की शिक्षा ही जीवन को सही दिशा देती है। धर्मसभा में बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाएं मौजूद रहे।

इंद्र इंद्राणियों के नृत्य की मुद्रा में इंद्रासन सा जीवंत हो उठा स्वस्तिधाम
सुसज्जित स्वस्तिधाम और इसके चारों ओर लिखे जैन संतों के प्रभावी संदेशों के बीच रविवार तीसरे दिन गर्भ कल्याणक उत्तर रूप के विधान हुए तो भक्ति का अपूर्व दृश्य देखने को मिला।

सजीव चित्रण में मुठी भर चावल चढ़ाकर कहता है इंसान, मुझको मिल जाए भगवान… जैसे धुन बजी तो प्रमुख पात्र और इंद्र इंद्राणियां नृत्य की मुद्रा में आ गए। ऐसा दृश्य बना जैसे कि धरती पर इंद्रासन जीवंत हो गया हो। मौका था जहाजपुर कस्बे के सस्वस्तिधाम में चल रहे पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव एवं विश्वशांति महायज्ञ का।

यहां आयोजन के तीसरे दिन रविवार को सुबह से रात तक कई धार्मिक अनुष्ठान हुए। सुबह मंत्रोच्चारण के बीच मूलनायक अभिषेक एवं शांतिधारा की गई। इसके बाद जाप अनुष्ठान, अभिषेक एवं शांतिधारा, गर्भकल्याणक पूजा, हवन, सीमंती क्रिया गोदभराई, तीर्थमंडल पूजा, घटयात्रा, नवीन वेदियों एवं मंदिर की शुद्धि एवं संस्कार, गुरूभक्ति कार्यक्रम का आयोजन देखने को मिला।

इसके बाद शाम को महारानी का पद्मावती का दरबार, अष्ट कुमारियों द्वारा स्नान व श्रंगार, स्वप्न चर्चा, छप्पन कुमारियों का आगमन, नृत्य, भेंट समर्पण, दरबार की ओर स्थापन, महाराजा सुमित्र का दरबार, राज्य व्यवस्था, धर्मचर्चा, महारानी का आगमन, सोलह स्वप्नों का वर्णन, स्पप्न फलादेश, बधाईयां आदि कार्यक्रम हुए।

रात तक हुए कार्यक्रमों में पंचकल्याणक आयोजन महोत्सव समिति जहाजपुर के अध्यक्ष विनोद जैन टोरड़ी, महामंत्री ज्ञानेंद्र जैन, कार्याध्यक्ष जयकुमार कोठारी, विनोद कुमार जैन, पवन सोनी, अशोक बडजात्या, प्रचार प्रसार के प्रभारी मनोज जैन आदिनाथ, दानमल जैन सहित बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाएं मौजूद रहे।

अध्यक्ष विनोद जैन टोरड़ी ने बताया कि जहाजपुर में नवनिर्मित ऐतिहासिक स्वस्तिधाम परिसर में आठ दिवसीय श्री 1008 मुनिसुव्रतनाथ जिनबिंब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव एवं विश्वशांति महायज्ञ 7 फरवरी तक चलेगा। कार्यक्रम में भीलवाड़ा, कोटा, उदयपुर, चित्तोड़, जयपुर, देवली, टोंक, निवाई सहित देशभर से बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाएं भाग ले रहे है।

जन्माभिषेक जुलूस कल, हजारों श्रावक-श्राविकाएं होंगे शामिल
पंचकल्याणक आयोजन महोत्सव समिति जहाजपुर के अध्यक्ष विनोद जैन टोरड़ी, महामंत्री ज्ञानेंद्र जैन ने बताया कि सोमवार को आयोजन के चोैथे दिन भी कई यादगार आयोजन होंगे। सुबह 6 बजे से रात 8 बजे तक कई कार्यक्रम होंगे। आचार्य ज्ञान सागर महाराज व आर्यिका स्वस्तिभूषण माताजी के सानिध्य में सुबह 11.15 बजे भगवान मुनिसुव्रतनाथ का जन्माभिषेक जुलूस धूमधाम से निकलेगा। यह जुलूस कस्बे के विभिन्न मार्गो से होता हुआ गाजे बाजे के साथ आयोजन स्थल पहुंचेगा। जहाजपुर कस्बे में जैन समाज के व्यापारी सुबह से दोपहर 2 बजे तक अपने प्रतिष्ठान बंद रखकर कार्यक्रम में शामिल होंगे।

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