Jahazpur News (आज़ाद नेब)। कोरोना वायरस (COVID-19) से हर व्यापारी वर्ग परेशान है। इस जानलेवा वायरस का काफी असर पोल्ट्री उद्योग पर भी पड़ा है। कोरोना की वजह से नॉनवेज खाने वालों की कमी हुई है। जिस वजह से चिकन, ब्रायलर में बड़ी मात्रा में गिरावट देखी गई है।
पोल्ट्री फार्मरों का कहना है कि कोरोना की मार से फार्मर सड़क पर आ चुके हैं। जहाजपुर क्षेत्र के पोल्ट्री फार्मरों को करोड़ों का नुकसान हो चुका है। इस घातक वायरस की अफवाह के चलते क्षेत्र के पोल्टी फार्मरों को करोड़ों रुपए का घाटा होने की सूचना मिली है।
अंडे के होलसेल व्यवसायी सिकंदर खान ने बताया कि पोल्ट्री में वायरस की अफवाह के चलते अंडो में गिरावट के चलते रोजाना तकरीबन 60, 70 हजार रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
मेडिसिन एवं फीड होलसेलर शहजाद खान ने बताया कि कोरोना की मार से फार्मरों को काफी नुकसान हुआ है।
अब नयें चुजो की डिमांड ना के बराबर होने से फीड व्यवसाय बंद होने के कगार पर है।
चिकन ब्रायलर होलसेल व्यवसायी महमूद पठान ने बताया कि पोल्टी फार्मर को एक मुर्गा तैयार करने के लिए 125 रुपए की लागत आती है लेकिन पोल्ट्री में कोरोना वायरस के होने की अफवाह के चलते फार्म का मुर्गा सबसे निचले स्तर पर बिक रहा है।
जिससे जहाजपुर क्षेत्र के तकरीबन 20 पोल्ट्री फॉर्मर बर्बाद हो चुके हैं। पोल्ट्री में इस वायरस की अफवाह से क्षेत्र के में 100 से 150 लोग बेरोजगार हो चुके हैं। तकरीबन ढाई से तीन करोड रुपए का फार्मरों का नुकसान हुआ है। आगे भी यही हाल रहा तो पोल्ट्री व्यवसाय बिल्कुल खत्म हो जाएगा।
वेटेनरी डॉ शैतान सिंह मीणा वेटेनरी ने बताया कि पोल्ट्री प्रोडक्ट में किसी तरह की बीमारी की आशंका नहीं है कुछ लोग पोल्टी को बर्बाद करने के लिए अफवाह फैला रहे हैं जिससे क्षेत्र के पोल्टी फार्मर हो चुके हैं। अफवाहों से ना डरे।