Jahazpur News( आजाद नेब ) : पंचकल्याणक महोत्सव के तहत मुनिसुव्रतनाथ भगवान का जन्म कल्याणक महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर कस्बे में करीब दो किमी लंबी शोभायात्रा निकली। बैण्डबाजे के साथ हाथी पर इन्द्र-इन्द्राणी एवं भगवान सुव्रतनाथ की सवारी निकली।
आयोजन समिति के अध्यक्ष विनोद जैन टोरड़ी ने बताया कि जैन मुनि ज्ञान सागर महाराज व आर्यिका स्वस्तिभूषण माताजी के सानिध्य में जन्म कल्याणक शोभायात्रा दोपहर को कस्बे के बारह देवरा से रवाना हुई। जो चमन चौराहा से गुजराती हुई नौ चौक, सदर बाजार से बस स्टैंड होते हुए शाहपुरा रोड़ स्थित स्वस्ति धाम पहुंची। शोभायात्रा में आगे रंगोली आर्टिस्ट सूरज डी नरेश द्वारा शानदार तरह-तरह की रंगोली बनाई गई। यात्रा में राजस्थानी ड्रेस पहने युवतियों ने अपना नृत्य प्रस्तुत किया।
17 घुड़सवार ध्वज पताका लिए चल रहे थे। ड्रोन द्वारा पुष्प वर्षा की गई। महाराष्ट्र से आए महावीर ढोल ताशा वालों ने जिसमें महिलाएं पुरुष ढोल ताशा बजाकर लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया। इस यात्रा में पांच हाथी, पांच ऊंट गाड़ीयों के बीच नृत्यांगना ने अपना नृत्य पेश किया।
इसके बाद चार बग्गियों दस गाड़ी रथ में इन्द्र दरबार निकला। तकरीबन दो किमी लंबी इस यात्रा में राजस्थान के अलावा देश के कई प्रदेशों से बड़ी संख्या में श्रावक शामिल हुए। प्रदेश के विभिन्न अंचल के लोक कलाकार मनमोहक प्रस्तुति देते चल रहे थे। महिलाएं केसरिया परिधान में चल रही थी। यात्रा को लोग टकटकी लगाकर निहारते रहे।
कस्बे में जैन समाज के व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखे और कार्यक्रम में शामिल हुए। यात्रा का मार्ग में विभिन्न संगठनों की ओर से पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया। यात्रा विभिन्न मार्गो से होते हुए आयोजन स्थल स्वस्तिधाम पहुंच सम्पन्न हुई। यहां मंत्रोच्चारण के साथ 1008 कलशों से भगवान मुनिसुव्रतनाथ का जलाभिषेक किया गया। इससे पहले आयोजन स्थल पर जैसे ही भगवान के जन्म की घोषणा हुई पाडांल जयकारों से गूंज उठा। मुनि संघ ने भगवान के जन्म की श्रावकों को बधाई दी। शोभायात्रा में उपस्थित श्रद्धालुओं ने धार्मिक भजनों पर नृत्य करते हुए बधाईया गाई।