जैसलमेर में बुधवार रात भर झरेगा रम्मत का अमृत

Dr. CHETAN THATHERA
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जैसलमेर। राजस्थान पर्यटन निगम एवं जिला प्रशासन की ओर से आयोजित जैसलमेर मरु महोत्सव के इतिहास में पहली बार जैसलमेर की 108 वर्ष पुराना लोकनाट्य रम्मत (जोगराजा भर्तृहरि का ख्याल) का 24 फरवरी, बुधवार को रात 10 बजे पूनम स्टेडियम के मुक्ताकाशी मंच पर मंचन होगा। यह भोर होने तक चलेगा।
तेज कवि रचित लोकनाट्य रम्मत (जोग राजा भर्तृहरि ख्याल) का मंचन रसिकों को रात भर मंत्रमुग्ध करने वाला होगा। मारवाड़ी रंगत की जैसलमेर शैली के इस लोकनाट्य रम्मत के मंचन में एक और जहां परम्परागत प्रतिष्ठित प्रमुख किरदार अपने अभिनय की छाप छोड़ेंगे वहीं नवोदित कलाकारों का भी इसमें समावेश है।
स्थानीय लोक संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण-संवर्धन के लिए जिला कलक्टर आशीष मोदी की पहल पर इसे मरु महोत्सव में शामिल किया गया है। यह लोकनाट्य अपनी अनूठी गायन प्रधान पारस्परिक संवाद शैली की वजह से प्रसिद्ध है जिसमें कलाकार पद्यमय संवादों को नृत्य के साथ भावपूर्ण अभिनय से प्रदर्शित करते हैं।
इनकी भाव-भंगिमाएं, मुद्राएं और परिधान भी पारंपरिक लोक संस्कृति की झलक दिखाते हुए जी भर कर लोकानुरंजन करते हैं। इसमें महिला पात्रों की भूमिका का निर्वहन भी पुरुषों द्वारा किया जाता है। कलाकारों को सम्बल देने के लिए टेरियों का समूह पूरी रात लोकवाद्यों की संगत पर ऊँचाइयां देता है।
यह है कथानक
उज्जैन के राजा भर्तहरि के जीवन प्रसंग पर आधारित लोकनाट्य शैली में लगभग सौ वर्ष पूर्व रचित इस रम्मत का सफल मंचन पूर्व में कई बार जैसलमेर अखाड़े के साथ ही अन्य स्थानों पर भी होता रहा है। इनमें दिल्ली, उदयपुर, पोकरण एवं फलोदी आदि प्रमुख हैं। रम्मत का कथानक राजा भर्तृहरि के श्रृंगार से वैराग्य तक की सम्पूर्ण यात्रा का शब्द एवं भाव चित्र प्रस्तुत करता है। इसमें प्रमुख रूप में राजा भर्तृहरि, रानी पिंगला, विक्रम, गोरखनाथ, कोचवान, वैश्या, बेटी, ब्राह्मण आदि पात्र अपने-अपने अभिनय को बखूबी जीते हैं।
कृष्ण कंपनी तेज मंडली रम्मत कला संस्थान के अध्यक्ष गोविन्द गोपाल जगाणी एवं सचिव हरिवल्लभ बोहरा ने बताया कि मरु महोत्सव के दौरान संस्थान की ओर से मंचित होने वाले रम्मत लोकनाट्य को लेकर व्यापक स्तर पर तैयारियां की गई हैं। दर्शकों की सुविधा के लिए कथानक का लिखित स्वरूप बड़ी स्क्रीन पर कथ्य की साझा समझ के निमित प्रस्तुत किया जाएगा, ताकि आमजन भी  सहज एवं सरल सुबोधगम्य भाषा शैली में समझ सके तथा रम्मत में दर्शक के रूप में शामिल होकर रसिकजन टेर व गेयता में एकमेक होकर आनन्द के सहभागी बन सकें।
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चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा,सी ई ओ, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम