दपु खां हुए अलविदा,माटी में विलीन हुई माटी की खुशबु

Dr. CHETAN THATHERA
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जैसलमेर। जैसलमेर के ख्यातनाम मंगनिहार समाज के अंतरराष्ट्रीय लोक कलाकार दपू खान मिरासी के शनिवार को हुए निधन के बाद रविवार दोपहर उनके निवास स्थान पर अंतिम संस्कार कर दिया गया। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित शाले मोहम्मद, मानवेन्द्र सिंह,सतीश पुनिया ने भी दपू खान मिरासी के निधन पर अपनी संवेदनाएं व्यक्त की।

 

जानकारी के अनुसार झणकली गांव के मूल निवासी दपू खान को दिल का दौरा पड़ा था।फिलहाल वे भाड़ली गांव में निवासरत थे। जैसलमेर किले के ऊपर पुराने समय से एक लुप्तप्राय वाद्य यंत्र कमायचा जिसे वे खुद ही बनाते थे और बजा कर गाने की विरासत को आगे बढ़ाने के कवायद कर रहे थे। दपू खान करीब तीस सालों से लोगों का मनोरंजन कर रहे थे। दपू खान ने भारत के लगभग सभी प्रमुख शहरों में प्रदर्शन किया है।दपू खान को कोक स्टूडियों व मूमल गाने के कारण भरपूर प्रसिद्धी मिली। दपू खान के मूमल गाने के सोशल मीडिया पर एक करोड़ से ज्यादा फॉलोवर्स थे। जैसलमेर के किले पर दपू खान की आवाज बरबस ही सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित कर लेती थी।

दपु खान ने भारत के लगभग सभी प्रमुख शहरों में प्रदर्शन किया है। बताया जाता है कि उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के लिए व्हाइट हाउस में भी गाया है, जो कुछ साल पहले जोधपुर आए थे और दपु खान को अपने समूह के साथ गाते हुए सुना था। मंगनिहार समाज के लोग जन्म से गाने बजाने का काम करते हैं । ये समाज विशेष रूप से थार मरुस्थल के बाड़मेर जैसलमेर तथा इनसे लगते पाकिस्तान के सिंध प्रांत में गाने बजाने के कार्य करते हैं जो अपने यजमान के लिए पूर्ण रूप से समर्पित होते हैं।

थार के मरुस्थल में दपु खान और उनके समूह ने अपने शक्तिशाली आत्मीय संगीत से मांगणियार मिरासी लोक कलाकारों की करीब पंद्रह सौ साल से चली आ रही अपनी पुरानी विरासत को संभाला। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ये समाज देवी पूजा के दौरान मंदिरों में जाते हैं। वास्तव में हिन्दू यजमानों के शादी के जुलूस मिरासी के प्रदर्शन के बाद ही शुरू होते है।

स्थानीय लोक कलाकारों की एक संस्था के अध्यक्ष बक्स खां ने बताया कि दपु खां लुप्तप्राय कमायचा यंत्र बनाने और बजाने वाले लोक कलाकारों की पीढ़ी के गिने चुने वादकों में से एक थे।उनका निधन पश्चिमी राजस्थान की लोक कला के लिए अपूरणीय क्षति है।

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चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा,सी ई ओ, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम