Jaipur News : राज्य विधानसभा के चालू बजट सत्र से विधायकों को अपने प्रश्न छलनी में से निकलने के बाद ही लगाने की अनुमति मिलेगी। विधानसभा सचिवालय की तरफ से प्रश्न लगाने को लेकर जारी किए गए नए बुलेटिन में नौ नए अंकुश लगाए गए है।
इसके तहत विधायकों को अपना प्रश्न अपने इलाके या जिले तक ही सीमित रखना होगा। साथ ही विधायक पांच साल पुरानी जानकारी सरकार से अपने प्रश्नों के जरिए नहीं ले सकेंगे। अभी तक विधानसभा प्रक्रिया के नियम 37 (2) में वर्णित 25 बिन्दुओं के आधार पर ही सवाल लगाए जाते रहे हैं।
विधानसभा सचिवालय ने इसके साथ ही प्रश्नों को जांचने के लिए भी नई व्यवस्था की है। इसके लिए न्यायिक सेवा से सेवानिवृत्त तीन अधिकारियों को संविदा पर लगाया है। इन अधिकारियों से अनुमति मिलने के बाद ही विधायक का प्रश्न सरकार को जवाब के लिए भेजा जाएगा।
बुलेटिन में कहा गया है कि जिन प्रश्नों को स्वीकार किया जाएगा, उनको नियमित रूप से दर्ज कर दिया जाएगा और जिन प्रश्नों को जारी नियमानुसार जांच में सही नहीं पाया गया, उन्हें डिफेक्टिव श्रेणी में रख दिया जाएगा। इस संबंध में संबंधित विधायकों को भी जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा विधानसभा के सदस्य को एक दिन में अधिकतम 10 सवाल पूछने की अनुमति होगी।
इसके अलावा जहां तक संभव हो एक दिन में अलग-अलग विभाग से संबंधित सूचना ही मांगी जाए ताकि लॉटरी में अधिक से अधिक विभागों के प्रश्न शामिल हो सके। बुलेटिन में विधायकों को प्रश्न लगाने के तरीके पर निर्देश देते हुए कहा गया है कि एक ही प्रश्न इतना विस्तृत न हो। इसकी सूचना एकत्र करने में काफी समय लगने की संभावना हो।
प्रश्न सार्वजनिक हित के हो न की व्यक्तिगत हित में पूछी गई जानकारी हो। जारी किए गए दिशा-निर्देश में यह भी लिखा गया है कि प्रश्न में जहां तक संभव हो अधिकतम तीन या चार बिंदु से अधिक जानकारी न पूछी जाए। साथ ही जहां तक संभव हो प्रश्नों को सारगर्भित भाषा में अंकित कर ऑनलाइन विधानसभा में भेजा जाए।