Jaipur news – विधानसभा अध्यक्ष डॉ.सीपी जोशी ने इन दिनों सदन में विधायकों-मंत्रियों के आचरण को लेकर कड़े तेवर अपना रखे हैं। गुरुवार को स्पीकर ने सभी मंत्रियों को हिदायत देते हुए शून्यकाल तक सदन में मौजूद रहने के निर्देश दिए। इतना ही नहीं डॉ.जोशी ने यहां तक कह दिया कि अगर मंत्री शून्यकाल छोड़कर गए तो चैंबर पर ताले लगवा दूंगा।
दरअसल प्रश्नकाल समाप्त होने के ठीक बाद विधानसभाध्यक्ष शून्यकाल के मुद्दों और व्यवस्थाओं की जानकारी सदन को दे रहे थे। अध्यक्ष की तरफ से सदन को विषयों की जानकारी देने के तत्काल बाद सरकार के मंत्रियों को चेता दिया। चूंकि प्रश्नकाल खत्म होते ही ज्यादातर मंत्री सदन से गायब हो जाते हैं जबकि शून्यकाल के दौरान सदस्य स्थगन प्रस्ताव, पर्ची और नियम-295 के तहत स्थानीय समस्याओं से जुड़े मुद्दे उठाते हैं। सदस्यों के स्थानीय समस्याओं के मुद्दे उठाने के दौरान मंत्रियों की ओर से जवाब देना तो दूर वे सदन में मौजूद ही नहीं रहते।
विधानसभाध्यक्ष ने जैसे ही शून्यकाल में कोई भी मंत्री सदन से बाहर नहीं जाने की हिदायत दी तो विपक्ष के सदस्यों ने मेज थपथपा कर उनकी बात का समर्थन किया।
नेता प्रतिपक्ष ने जताई थी आपत्ति
शून्यकाल के दौरान मंत्रियों के गायब रहने पर बुधवार को ही नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया और उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने आपत्ति जताते हुए अध्यक्ष से इस मामले में व्यवस्था देने को कहा था। इस पर गुरुवार को विधानसभाध्यक्ष ने मंत्रियों को पूरे शून्यकाल के दौरान सदन में रहने के निर्देश जारी किए हैं। शून्यकाल में मंत्रियों के सदन में मौजूद रहने से अब सदस्यों की ओर से उठाए जाने वाले मुद्दों के समाधान की उम्मीद जगी है।
मंत्रियों से सभी सवालों के दिलवाए थे जवाब विधानसभाध्यक्ष ने दो दिन पहले 11 फरवरी को भी अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल करते हुए मंत्रियों से सभी सवालों के जवाब दिलवाए थे। विपक्ष के हंगामे और प्रश्नकाल के बहिष्कार के बावजूद डॉ.जोशी ने विधानसभा में प्रश्नकाल की कार्यवाही समुचित रूप से संपन्न करवाई थी। इस दौरान डॉ. जोशी ने भी आसन से छह सवाल मंत्रियों से पूछे और उनके पूरक सवाल भी पूछे। वहीं सदन में मौजूद दूसरे सदस्यों को भी पूरक प्रश्न पूछने मौका दिया।