जहां मोदी ने की सभा वहां भाजपा के प्रत्याशी की जमानत जब्त

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जयपुर। 
राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 में भाजपा के स्टार प्रचारक पीएम मोदी का जादू नागौर के वोटर्स पर नहीं चला 27 नवंबर को नागौर आए मोदी ने जिले के 6 प्रत्याशियों के समर्थन में वोट मांगा था. लेकिन, इनमें से सिर्फ दो ने ही जीत दर्ज की. जिससे साफ झलका है की मोदी का मैजिक अब कम होने लगा है।
इनमें नागौर से मोहनराम चौधरी, खींवसर से रामचंद्र उत्ता, जायल से मंजू बाघमार, मेड़ता से भंवराराम रिठारिया और डेगाना से अजय किलक के साथ ही बीकानेर के नोखा से पार्टी प्रत्याशी बिहारीलाल विश्नोई भी शामिल थे सभा में मोदी ने इन सबको मंच पर खड़ा किया और उनके समर्थन में भारत माता के जयकारे भी लगवाए थे लेकिन, इनमें से नागौर से मोहनराम और नोखा से बिहारीलाल ही भाजपा को जीत दिला पाए।
खास बात ये है कि बाकी चार सीट में से डेगाना से अजय किलक ने ही कांग्रेस के विजयपाल मिर्धा को सीधी टक्कर दी और दूसरा पायदान हासिल करने में सफल रहे. जायल, मेड़ता और खींवसर में भाजपा के प्रत्याशी दूसरे नंबर पर भी नहीं आए. जायल में मंजू बाघमार, मेड़ता से भंवराराम और खींवसर से रामचंद्र उत्ता तीसरे स्थान पर रहे. हालांकि, मंजू बाघमार और भंवराराम अपनी जमानत बचाने में सफल रहे. लेकिन, खींवसर से रामचंद्र उत्ता राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के हनुमान बेनीवाल और कांग्रेस के सवाई सिंह के सामने जमानत तक नहीं बचा पाए.
इन सीटों पर भाजपा को कितना नुकसान या फायदा
नागौर से मोहनराम चौधरी ने 86315 वोट लिए और कांग्रेस के हबीबुर्रहमान को 13008 वोट से हराया. जबकि यहां पिछले चुनाव में भाजपा के हबीबुर्रहमान को 67143 वोट मिले थे. खींवसर से भाजपा प्रत्याशी उत्ता को इस चुनाव में 26809 वोट ही मिले. जबकि पिछले चुनाव में भाजपा के दुर्गसिंह को 42379 वोट मिले थे. जायल में पिछले साल मंजू बाघमार ने 72738 वोट लेकर जीत हासिल की थी. लेकिन. इस बार उन्हें महज 32261 वोट मिले और तीसरे स्थान पर रहीं.
डेगाना में अजय सिंह किलक 53824 वोट लेकर दूसरे पायदान पर रहे. जबकि, पिछले चुनाव में 79526 वोट लेकर उन्होंने जीत हासिल की थी. साल 2013 में मेड़ता से भाजपा के सुखराम ने 78069 वोट लिए और 35549 वोट से जिले की सबसे बड़ी जीत दर्ज की थी. इस बार उन्हें टिकट नहीं मिला. वहीं भाजपा के भंवराराम रिठारिया को 41860 वोट के साथ तीसरे नम्बर पर संतोष करना पड़ा.