
जयपुर । प्रदेश की नौकरशाही में कुर्सी छुटने के साथ ही अपने ही साथी किस प्रकार रंग बदलते हैं इसका जीवंत उदाहरण गुरुवार को मोती डूंगरी गणेश मंदिर में नजर नजर आया जब पूर्व मुख्य सचिव अशोक जैन को दर्शन के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा और उनके आगे बैठे एसीएस स्तर के एक अधिकारी ने उनकी तरफ देखा भी नहीं।
हुआ यूं कि गणेश चतुर्थी के अवसर पर पूर्व मुख्य सचिव अशोक जैन उनकी पत्नी के साथ मोती डूंगरी गणेश मंदिर में दर्शन के लिए आए। वीवीआईपी लाइन से आगे आकर जब द्वार पर आए तो पुलिस कर्मियों ने उन्हें आगे नहीं आने दिया। बाद में एक एसीपी स्तर के अधिकारी ने उन्हें पहचाना और द्वार खोल कर उन्हें अंदर लेकर आए।मंदिर में आने के बाद भी जैन की परेशानियों का अंत नहीं हुआ ।
उनके आगे उनके ही मातहत रहे एक अधिकारी पूजा कर रहे थे, उनकी पूजा समाप्त हो गई और उनकी पत्नी वहां से जाने के लिए तैयार भी हो गई परंतु अधिकारी महोदय जगह छोड़ने को तैयार नहीं हुए । इसके कारण जैन को करीब 10 मिनट तक वहीं पर खड़ा रहना पड़ा।
आखिरकार उन अधिकारी महोदय की पूजा खत्म हुई वह वहां से हटे तो आगे आकर जैन ने पूजा की। इस दौरान मंदिर के पुजारियों ने भी उन पर कोई ध्यान नहीं दिया और जैन प्रसाद के लिए भी इंतजार करते दिखाई दिए। हालांकि बाद में पुलिस अधिकारी ने उनका परिचय दिया तब पुजारियों ने उन्हें प्रसाद दिया।
राजस्थान की नौकरशाही में जैन कर्तव्यनिष्ठ ईमानदार अधिकारी माने जाते हैं। वह इसी वर्ष सेवानिवृत्त हुए हैं और उनकी सेवानिवृत्ति के बाद अब उनके अधीनस्थ रहे अधिकारी थी उन्हें तवज्जो नहीं दे रहे हैं।