आजकल व्यंजनों में, खासकर चायनीज वैरायटी में, एक सफेद पाउडर या क्रिस्टल के रूप में मोनो सोडियम ग्लुटामेट (M.S.G.) नामक रसायन जिसे दुनिया “अजीनोमोटो” के नाम से जानती है,
इसका प्रयोग बहुत बढ़ गया है,
बिना यह जाने कि यह वास्तव में क्या है?
“अजीनोमोटो” नाम तो असल में इसे बनाने वाली मूल चायनीज कम्पनी का है।
यह एक ऐसा रसायन है, जिसके जीभ पर स्पर्श के बाद जीभ भ्रमित हो जाती है और मस्तिष्क को झूठे संदेश भेजने लगती है। इसका उपयोग खाद्य पदार्थों मे करने पर यह खाने वाले की जीभ की स्वाद ग्रंथियों ( कलिकाओं) को उत्तेजित कर देता है, जिस कारण खाने का स्वाद बढ़ जाता है। इसीलिए अनेक बाजार के खाद्य पदार्थ विशेषत: चायनीज़, चिप्स, कुरकुरे इत्यादि हमें बहुत स्वादिष्ट लगते हैं।
जिससे सड़ा-गला या बेस्वाद खाना भी अच्छा महसूस होता है।
इस रसायन के प्रयोग से शरीर के अंगों-उपांगों और मस्तिष्क के बीच न्यूरोंस का नेटवर्क बाधित हो जाता है, जिसके दूरगामी दुष्परिणाम होते हैं।
पहले इसका उपयोग केवल चीन में रसोई में होता था , पर धीरे-धीरे हम सभी के घरो में इसका उपयोग होना शुरू हो गया है और एक अच्छी पैठ बना चूका है। हम 2 मिनट में नुडल्स बनाकर अपने समय बचाने के चक्कर में खाते है उनमे ये पाया गया है कि ये धीरे-धीरे हमारे शरीर को हानि पहुचाता है और इससे हमारे शरीर में साइड इफ़ेक्ट होने लगता हैं।
इसका सेवन करने से शरीर में इन्सुलिन की मात्रा बढ़ जाती है और इसके सेवन से रक्त में ग्लूटामेट का स्तर बढ़ जाता है। इसी वजह से शरीर पर काफी गम्भीर प्रभाव पड़ता है।
ये एक नशे की तरह कार्य करता है एक बार इसे खा लेते हो तो बार-बार खाने का जी चाहता है और इसे खाने से नुकसान होता है।
एमएसजी को एक धीमा ह!त्यारा कहना गलत नहीं है क्योंकि ये आँखों की रेटिना को नुकसान पहुचाता है साथ ही ये थाइराइड और कैंसर जैसे रोगों के लक्षण पैदा कर सकता है।
अजीनोमोटो क्या है ? What is Ajinomoto and side effects ?
अजीनोमोटो Ajinomoto क्या है ?
अजीनोमोटो का रासायनिक नाम है “सोडियम मोनो ग्लूटामेट”। यह एक कार्बनिक यौगिक है। आजकल मिलने वाला अजीनोमोटो पूर्णतया संस्लेषित (कृत्रिम) रसायन है। जापान व चीन मे यह प्राचीन काल मे वनस्पतियों से निकाला जाता था, ऐसा सुना है। जापान के एक वैज्ञानिक ने सबसे पहले इसका कृत्रिम रूप तैयार किया था।
बेस्वाद खाने को टेस्टी बनाने के लिये अजीनोमोटो एक साल्ट है जो हमारे जीभ को चकमा देती है जिससे खराब खाना भी स्वादिष्ट लगता है ये हमारे तंत्रिका तंत्र को कमजोर करता है और ये घातक है।
इसका उपयोग खाद्य पदार्थों मे करने पर यह खाने वाले की जीभ की स्वाद ग्रंथियों ( कलिकाओं) को उत्तेजित कर देता है, जिस कारण खाने का स्वाद बढ जाता है। इसीलिए अनेक बाजार के खाद्य पदार्थ विशेषत: चायनीज़, चिप्स, कुरकुरे इत्यादि हमे बहुत स्वादिष्ट लगते हैं।
लेकिन लगातार इसे खाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
अजीनोमोटो से होने वाली हानि :-
◆ माइग्रेन : अजीनोमोटो का रोजाना सेवन करने से हमारे आधे सिर में हल्का-हल्का दर्द होने लगता है। जिसको हम माइग्रेन अथवा अधकपाली भी कहते है।
◆ तंत्रिका पर प्रभाव : ये तंत्रिका को प्रेरित कर उसमे असंतुलन पैदा कर सकती है। इस वजह से शरीर में झनझुनी और गर्दन में खिचाव या अकड़न होने लगती है। अजीनोमोटो ( Ajinomoto ) के सेवन से अल्झाइमर, हन्तिन्ग्तिओन और पार्किन्सन , मल्टीपल स्क्लेरोसिस जैसी लक्षण पैदा होने लगते है। ये एक न्युरोत्रन्स्मित्टर है जो अनिद्रा जैसे विकारो के भी लक्षण पैदा कर सकते है।
◆ बच्चों के लिए हानिकारक : बच्चो को अजीनोमोटो युक्त खाध्य पदार्थो से दूर रखना चाहिए। इसका प्रभाव अलग-अलग व्यक्ति पर अलग-अलग तरीके से होता है। अगर किसी व्यक्ति में इसका प्रभाव नहीं पड़ता है तो वो इसका उपयोग कर सकता है।
◆ बांझपन : गर्भवती महिलाओ का इसका उपयोग बिलकुल भी नहीं करना चाहिए क्योंकि ये बच्चे और महिला के बीच भोजन आपूर्ति में बाधक बन सकता है। इसके साथ-साथ मस्तिष्क के न्यूरोस पर भी बुरा प्रभाव डालता है। यह शरीर में सोडियम की मात्रा बढ़ा देता है जिस वजह से रक्तचाप बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है। साथ ही पैरो में सूजन की समस्या होने लगती है।
◆ सीने में दर्द : अजीनोमोटो का उपयोग करने से अचानक सीने में दर्द , धडकन का बढ़ जाना और ह्रदय की मांसपेशियों में खिंचाव होने लगता है।
◆ मोटापा बढ़ना : एमएसजी के अधिक सेवन से मोटापे के बढ़ने का खतरा हमेशा बना रहता है । हमारे शरीर में मौजूद लेप्टिन हार्मोन , हमें भोजन के अधिक सेवन को रोकने के लिए हमारे मस्तिष्क को संकेत देते है। अजीनोमोटो के सेवन से ये प्रभावित हो सकता है जिस वजह से हम ज्यादा भोजन कर जल्द ही मोटापे से ग्रस्त हो सकते है।
दृष्टि कमज़ोर बना सकता है।
ठंड लगने और कम्पन्न की समस्या हो सकती है।
ह्रदय चाप में वृद्धि ला सकता है।
सिर दर्द / माइग्रेन की तकलीफ हो सकती है।
सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।
चक्कर आना और उल्टी हो सकती है।
छाती, कमर और गर्दन में दर्द की शिकायत हो सकती है।
चिकित्सकों के अनुसार अजीनोमोटो के प्रयोग से
1-एलर्जी,
2-पेट में अफारा,
3-सिरदर्द,
4-सीने में जलन,
5-बाॅडीे टिश्यूज में सूजन,
6-माइग्रेन आदि हो सकते है।
अजीनोमोटो से होने वाले रोग इतने व्यापक हो गये हैं कि अब इन्हें ‘चाइनीज रेस्टोरेंट सिंड्रोम’ कहा जाता है। दीर्घकाल में “मस्तिष्काघात” (Brain Hemorrhage)
हो सकता है जिसकी वजह से लकवा होता है।
अमेरिका आदि बहुत से देशों में अजीनोमोटो पर प्रतिबंध है।
न जाने फूड सेफ्टी एण्ड स्टैन्डर्ड अथाॅरिटी आॅफ इंडिया’ ने भारत में अजीनोमोटो को प्रतिबंधित क्यों नहीं किया है?
सुरक्षित खाद्य अभियान (“Safe Food Abhiyan”)
की पाठकों से जोरदार अपील है कि निमंत्रण में हलवाई द्वारा मंगाये जाने पर उसे अजीनोमोटो लाकर ना देवें। हलवाई कहेगा कि चाट में मजा नहीं आयेगा,
फिर भी इसका पूर्ण बहिष्कार करें।
कुछ भी हो (AFTER ALL) निमंत्रण खाने वाले आपके प्रियजन हैं, आपके यहाँ खाना खाकर वे बीमार नही पड़ने चाहिए !
जब आपने बाकि सारा बढ़िया सामान लाकर दिया है तो लोगों को अजीनोमोटो के बिना भी खाने में, चाट में पूरा मजा आयेगा, आप निश्चिंत रहें।
अजीनोमोटो तो हलवाई की अयोग्यता को छिपाने व होटलों, ढाबों, कैटरर्स, स्ट्रीट फूड वैंडर्स द्वारा सड़े-गले सामान को आपके दिमाग को पागल बनाकर स्वादिष्ट महसूस कराने के लिए डाला जाता है।
क्या हलवाई की अयोग्यता का दंड अपने प्रियजनों को देंगे ????