जयपुर/ राजस्थानसरकार मे सी एम के खासमखास मंत्री महेश जोशी के पुत्र तथा राजस्थान कांग्रेस कमेटी के सदस्य रोहित जोशी पर दिल्ली की पत्रकार युवती(23) द्वारा अपहरण, बलात्कार, अश्लील वीडियो फोटो से ब्लैकमेल करने, धमकाने सहित कई गंभीर आरोप लगाते हुए दिल्ली के सदर थाने मे मामला दर्ज कराने के बाद से राजस्थान की सियासत मे तूफान आया हुआ है और राजस्थान से लेकर दिल्ली के 10 जनपथ तक इसको लेकर खलबली मची हुई है वही विपक्ष भाजपा के साथ- साथ कांग्रेस का ही दूसरा गुट कांग्रेस को घेर रहा है । वहीं इस मामले की जानकारी मुख्यमंत्री गहलोत को दो माह पहले ही थी ? यह तूफान महेश जोशी का मंत्री छीन ले तो कोई अतिशयोक्ति नही ? चिंतन शिविर के बाद जोशी को मंत्री पद खोना पड सकता है ?
जयपुर की एक महिला पत्रकार ने राजस्थान के जलदाय मंत्री महेश जोशी पुत्र रोहित जोशी के विरुद्ध दिल्ली में जो एफआईआर दर्ज करवाई है, उसमें पीडिता ने बताया गया है कि 28 फरवरी 2022 को जब वह रोहित के साथ दिल्ली की एक होटल में थी, तब जयपुर की सदर थाना पुलिस के थानाधिकारी और अन्य पुलिसकर्मी आए और होटल से जबरन जयपुर ले गए। पुलिसकर्मियों ने उसका मोबाइल भी छीन लिया। जयपुर में जब उसकी तबीयत बिगड़ी, तब उसका एसएमएस अस्पताल में इलाज भी करवाया गया।
एफआईआर में बताया है कि मंत्री पुत्र रोहित ने कब कब रेप किया। पुलिस को ज्यादतियों और गर्भपात कराने की भी जानकारी दी गई है। रोहित यह कह कर रेप करता रहा कि वह अपनी पत्नी से तलाक ले लेगा और दूसरी शादी या निकाह कर लेगा।
महिला पत्रकार की रिपोर्ट से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सवालो के घेरे मे आ गए है क्योंकि सीएम गहलोत को इस मामले की भनक पहले से थी ? इसके पीछे पीड़िता द्वारा रिपोर्ट मे 28 फरवरी 2022 को जयपुर की पुलिस द्वारा दिल्ली जाकर उसे व रोहित को लाने सहित कई गंभीर आरोपो का उल्लेख करना है ।
अब सवाल यह उठता है की राजस्थान का गृह विभाग मुख्यमंत्री गहलोत के पास ही है। ऐसे में यदि प्रदेश की राजधानी जयपुर की पुलिस महेश जोशी जैसे प्रभावशाली मंत्री के पुत्र के लिए दिल्ली जाए तो यह नहीं हो सकता है कि मामला मुख्यमंत्री की जानकारी हासिल में न हो। जयपुर के सदर थानाधिकारी पृथ्वीपाल सिंह ने स्वयं स्वीकार किया है कि रोहित जोशी की पत्नी और मंत्री महेश जोशी की पुत्रवधू ने लिखित में अपने पति की गुमशुदगी की शिकायत दी थी। इस शिकायत के आधार पर जयपुर पुलिस दिल्ली गई थी।
सवाल यह भी उठता है की जब 28 फरवरी 22 को ही रोहित और महिला पत्रकार के संबंधों के बारे में पता चल गया था, तो फिर ढाई माह तक मामले को छिपाए क्यों रखा गया?
पुलिस की मौजूदगी मे 28 फरवरी 2022 को युवती पर दबाव डाल..
चर्चा है कि पुलिस की मौजूदगी में तथाकथित समझौता पत्र ( स्टांप पेपर )पर पीड़िता के हस्ताक्षर करवाए गए हैं मतलब जिस पुलिस पर रेप के आरोपी पर कार्यवाही करने की जिम्मेदारी थी, वही पुलिस पीडि़ता पर दबाव डाल कर समझौता करवा रही थी। और आखिर राजस्थान पुलिस एक गुमशुदगी की रिपोर्ट पर किसके आदेश से दिल्ली गई थी?
चिंतन शिविर के बाद…
इस मामले से पूरे प्रदेश सहित देश भर मे कांग्रेस की किरकिरी हो रही है और यह मामला ऐसे समय मे सामने आया जब कांग्रेस अपने खोते जनाधार और समाप्त हो रही प्रतिष्ठा को बचाने के लिए राजस्थान के ही उदयपुर शहर मे 13 से 15 मई तक चिंतन शिविर कर रही है ।
सूत्रो के अनुसार इस मामले पर चर्चा होने के साथ ही भविष्य मे ऐसे मामले और घटनाएं उत्पन्न न हो जिससे पार्टी की छवि धूमिल है इस पर भी चिंतन और मथंन होगा तथा इस चिंतन शिविर के बाद गहलोत सरकार के पावरफुल मंत्री महेश जोशी को मंत्री पद खोना पड सकता है ? तथा आरोपी रोहित जोशी को भी प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्यता गंवानी पडेगी ? कुल मिलाकर यह मामला आने वाले चुनावो मे कांग्रेस और जोशी के लिए भारी पड सकता है ?
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