Jaipur News । प्रदेश में कोरोना के बढते संक्रमण के पीछे मौसम और वायु प्रदूषण का बडा रोल सामने आ रहा है। इसके साथ ही मौसमी बीमारियां भी इसके संक्रमण को बढावा दे रही है। कोविड-19 का प्रकोप बढाने के पीछे सबसा बडी बीमारी स्क्रब टाइफस को माना जा रहा है। साथ ही अधिकांश मौसमी बीमारियां अब सीधे मरीज को फेंफडों को प्रभावित कर रही है और कोरोना वायरस का असर भी लंग्स पर ही होता है, ऐसे में अब मौसमी बीमारियों के मरीज कोरोना के जल्द शिकार हो रहे हैं।
लॉक डाउन से मिलेगी राहत
इस बारे में विशेषज्ञों का मानना है कि वायु प्रदूषण के कारण कोरोना का संक्रमण बढ रहा है। इसके शुरूआती चरण में जब देशभर में लॉकडाउन था तब वायु प्रदूषण का स्तर भी निम्न स्तर पर आ गया था, जिसके चलते यह वायरस मरीजों पर ज्यादा असर नहीं कर पाया लेकिन लॉकडाउन हटने के बाद हालात बदल गए और प्रदूषण बढने के साथ ही यह वायरस भी घातक हो गया। ऐसे में अब एक बार फिर लॉक डाउन को जरूरी माना जा रहा है। इसके साथ ही कोविड-19 एक रेस्पिरेट्री इंफेक्शन है और बरसात के मौसम में यह इंफेक्शन वैसे ही चरम पर होता है। वही वायु प्रदूषण ने इस इंफेक्शन के साथ-साथ इम्यून सिस्टम को भी काफी हद तक प्रभावित किया है।
लंग्स हो रहे प्रभावित
कोरोना के इस दौर में अब अधिकांश बीमारियों में निमोनिया के मरीज ही ज्यादा आ रहे हैं। इसमें भी सबसे ज्यादा फिलहाल स्क्रब टाइफस के मरीज आ रहे हैं जिसके कारण निमोनिया की शिकायत बढ रही है। इसके साथ ही डेंगू तथा अन्य बीमारियों में भी निमोनिया की शिकायत के साथ लंग्स में संक्रमण बढ रहा है। कोरोना वायरस के भी लंग्स पर असर के चलते अन्य बीमारियों के कारण लंग्स संक्रमण के केस बढने से राज्य में मौतों का आंकडा बढ रहा है।
इनका कहना
- कोरोना का वायरस हवा के माध्यम से फैल रहा है और वायु प्रदूषण उसमें सहायक है। मौसमी बीमारियों में भी अब अधिकांश केस निमोनिया के ही आ रहे हैं ऐसे में कोरोना के साथ ही अन्य बीमारियां भी घातक होती जा रही है।
डॉ. अजीत सिंह शक्तावत, श्वसन रोग विशेषज्ञ व अधीक्षक आरयूएचएस अस्पताल