जयपुर। वसुंधरा सरकार चुनाव आचार संहिता लगने से पहले सवर्ण वर्ग को एक बार फिर आरक्षण का झुनझुना पकडाने का विचार कर रही है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अरुण चतुर्वेदी ने ईबीसी कमीशन की रिपोर्ट को लेकर मंथन भी किया है। इस पर गहन विचार विमर्श के बाद सीएम को पूरा मामला बताया जाएगा तथा संभवत 5 अक्टूबर से पहले सीएम इसकी घोषणा भी कर देगी। सरकार सवर्ण आरक्षण का दांव खेलकर बडा गेम करने की तैयारी है। इस तीर से एससीएसटी एक्ट को लेकर उपजी सवर्णों की नाराजगी भी दूर हो जाएगी।
ज्ञात हो कि ईबीसी कमीशन ने यह रिपोर्ट सरकार को भेजी है. इसमें आर्थिक आधार पर पिछड़ेपन का डाटा एकत्रित किया गया है और कुछ सिफारिशें की गई हैं. इसके तहत अब सरकार सवर्ण या आर्थिक आधार पर पिछड़े तबके को लेकर और योजनाओं पर अमल करेगी. मंत्री अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि आर्थिक आधार पर पिछड़ों के लिए सरकार पहले से ही कुछ योजनाएं जारी रखे हुए हैं. आगे अब इस वर्ग को और लाभान्वित किया जाएगा.
ऐसे में संभावना यह जताई जा रही है कि सरकार इस तबके के लिए स्वरोजगार और कौशल विकास के आधार पर स्वावलंबी बनाने पर सरकार फोकस करेगी.
सरकार इस तबके के लिए सीधे लाभ पहुंचाने की योजना शुरू कर सकती है. चुनावी साल होने के कारण कर्मचारियों से लेकर विभिन्न वर्ग अपनी अपनी मांगों के लिए सरकार के सामने आ डटे हैं. कर्मचारी जहां हड़ताल और आंदोलनों के जरिए सरकार से अपनी मांगें मनवाने के लिए जुटे हुए हैं, वहीं विभिन्न समाज भी अपनी-अपनी मांगों को लेकर सरकार के प्रति नाराजगी जता चुके हैं. ऐसे में सरकार इस रिपोर्ट की सिफारिशों के आधार कई से तीर से कई निशाने साधने की तैयारी कर रही है.