राजस्थान में अब क्या वसुंधरा राजे का खेल खत्म ? भाजपा राजस्थान में राजे के बिना कर सकेगी राज ?

Dr. CHETAN THATHERA
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जयपुर/ राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व और प्रदेश नेतृत्व जी तोड़ मेहनत कर रहा है की इस बार कांग्रेस से फिर सत्ता छीनी जाए लेकिन इस बार विधानसभा चुनाव में केंद्रीय और प्रदेश भाजपा नेतृत्व द्वारा वसुंधरा राज्य कि जिस तरह से अनदेखी की जा रही है।

उससे ऐसा माना जा रहा है कि राजस्थान में केंद्रीय और प्रदेश नेतृत्व मिलकर वसुंधरा राजे का वर्चस्व खत्म करने और राजस्थान की राजनीति से बाहर के प्रयास में हैअर्थात इसे यूं कहें तो अतिशयोक्ति नहीं होगी कि राजस्थान में राजे का अब खेल खत्म ? वसुंधरा राजे के बिना बीजेपी राजस्थान में राज में अर्थात सत्ता में वापसी कर पाएगी ? 

विधानसभा चुनाव में सत्ता वापसी को लेकर राजस्थान में भाजपा चुनाव से पहले परिवर्तन संकल्प यात्रा निकाल रही है । 2 सितंबर से शुरू हुई इस परिवर्तन संकल्प यात्रा का समापन 25 सितंबर को जयपुर में होगा लेकिन इस यात्रा से जो भाजपा को उम्मीदें थी कि पार्टी को जनाधार और महत्व मिलेगा लेकिन इस यात्रा के दौरान कई जगह पर पार्टी को निराशा मिली ।

हालांकि इस यात्रा के शुभारंभ पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ,पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत, अनुराग ठाकुर, वीके सिंह ,अर्जुन मेघवाल, अमित शाह,सहित कई केंद्रीय मंत्री और शीर्ष केंद्रीय नेतृत्व उपस्थित थे।

परंतु बाद में जैसे-जैसे यात्रा बढ़ने लगी उन यात्रा के दौरान राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की गैर मौजूदगी और वसुंधरा राजे द्वारा यात्रा से दूरी को लेकर आम जनता और राजनीतिक गलियारे में चर्चाएं चल रही है। इन चर्चाओं के अनुसार राजस्थान भाजपा में अंतर कलह की अफवाहों को हवा देने के साथ ही मजबूती दी है ।

सूत्रों के अनुसार वसुंधरा राजे द्वारा प्रदेश के कई नेताओं के साथ सौहार्दपूर्ण और मिलनसार का संबंध नहीं रखना विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए भारी पड़ सकता है ? वहीं दूसरी ओर चर्चाओं का दौर है कि वसुंधरा राजे को इस बार होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद के रूप में चेहरा नहीं पेश किया है इससे वसुंधरा राजे भी और उनके समर्थक नाखुश है ।

चर्चाओं का दौर के अनुसार भाजपा ने जिस तरह से राजस्थान में दो बार मुख्यमंत्री रही और अपने समर्थकों का एक बड़ा हिस्सा अपने पक्ष में रखने वाली वसुंधरा राजे के साथ पार्टी द्वारा जो व्यवहार किया गया और किया जा रहा है।

उससे वसुंधरा राजे और उनके समर्थक काफी नाराज हैं और इसका खामियाजा भाजपा को विधानसभा चुनाव में उठाना पड़ सकता है? भाजपा समर्थक कैलाश मेघवाल द्वारा जिस तरह से बयान बाजी की गई और उसके बाद राजे के ही कट्टर समर्थक देवी सिंह भाटी और विजय बंसल द्वारा पहले भाजपा में वापस शामिल होने की अटकलें के बाद देवी सिंह भाटी का मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ मुलाकात करना और परिवर्तन यात्रा के दौरान राजे के समर्थकों द्वारा दूरी बनाए रखने से माना जा रहा है या अटकलें लगाई जा रही है कि प्रत्याशियों के चयन और घोषणा के दौरान बड़ा बवाल और खेल हो सकता है? 

राजस्थान में मुख्यमंत्री पद की दौड़ में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के अलावा भूपेंद्र यादव ,अश्विनी वैष्णव ,दीया कुमारी ,गजेंद्र सिंह शेखावत ,राजेंद्र राठौड़, ओम बिरला ,सीपी जोशी शामिल बताए जाते हैं ।

हालांकि राजनीति में हर दिन और हर पल परिस्थितियों बदलती है इसलिए कुछ कहा नहीं जा सकता की क्या खिचड़ी पक रही है ? और केंद्रीय नेतृत्व चुनाव से पहले राजे को एन वक्त पर अघोषित रूप से मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर दें ? या चुनाव टिकट की कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दे दे ? लेकिन यह सब भविष्य के गर्भ में है जिस पर अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी।

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चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा,सी ई ओ, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम