
जयपुर। राजस्थान विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान आज फिर लंपी रोग को लेकर पूछे गए सवाल के दौरान जमकर हंगामा हुआ, दोनों के पक्षों के बीच जमकर नोकझोंक हुई, हंगामा इतना बढ़ गया कि विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी को हस्तक्षेप करके दोनों पक्षों को शांत कराना पड़ा। दरअसल हंगामा नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया के उस बयान के बाद हुआ जिसमें नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अगर केंद्र सरकार लंपी रोग को राष्ट्रीय आपदा घोषित नहीं करेगी तो क्या राज्य सरकार लंपी रोग पर मुआवजा नहीं देगी, जिस पर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और विधायक गोविंद सिंह डोटासरा अपनी सीट पर खड़े गए और जोर-जोर से बोलने लगे कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय आपदा क्यों घोषित नहीं करेगी।
डोटासरा के इतने कहते ही सत्ता पक्ष के कई और विधायक भी खड़े हो गए और जोर-जोर से बोलने लगे, विपक्ष के कई सदस्य भी खड़े गए। इस नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि गोविंद सिंह डोटासरा क्यों हर बात में खड़े होकर बोलने लग जाते हैं, इस पर डोटासरा ने कहा कि उन्हें भी उतने ही अधिकार हैं जितने अधिकार नेता प्रतिपक्ष को ही उतने मुझे भी हैं। हंगामा बढ़ते देख विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी को बीच में दखल देकर दोनों पक्षों को शांति कराना पड़ा।
इससे पहले भाजपा विधायक चंद्रभान आक्या ने लंपी को लेकर सवाल पूछा था कि लंपी रोग से हुए नुकसान को लेकर क्या सर्वे हुआ है। जिस पर मंत्री कटारिया ने जवाब देते हुए कहा कि केंद्र सरकार से भी मांग की गई है कि लंपी रोग को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए। कटारिया ने कहा कि 30 करोड़ रुपए सरकार ने कृषि विभाग को दिए हैं, टीकाकरण का काम भी तेजी से चल रहा है।
मंत्री कटारिया ने कहा कि विभाग सर्वे अपने स्तर पर ही करा रहा है। नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने हस्तक्षेप करते हुए पूछा कि मंत्री ने यह जवाब नहीं दिया कि लंपी को लेकर बैठक कब-कब हुई, अप्रेल में लंपी रोग का इनपुट मिल गया था, उसके बाद बैठकें कब-कब हुई, इस पर मंत्री ने कहा कि बैठकों का विवरण अलग से दे देंगे,
नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि अगर केंद्र सरकार राष्ट्रीय आपदा घोषित नहीं करेगा तो क्या सरकार मुआवजा नहीं देंगे। इससे पहले मंगलवार को विधानसभा में लंपी रोग को लेकर चर्चा के दौरान जमकर हंगामा हुआ था, सत्ता पक्ष और विपक्ष ने एक-दूसरे के खिलाफ जमकर आरोप लगाए थे।