Jaipur। राजस्थान हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव, प्रमुख स्वायत्त शासन सचिव, डीएलबी निदेशक और नगर निगम आयुक्त सहित अन्य को नोटिस जारी कर पूछा है कि जब मंगलवार और हिंदू त्यौहारों पर मीट शॉप बंद रखने का प्रावधान है तो रमजान के महीने में शराब की दुकानें बंद क्यों नहीं रखी जाती। न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश अब्दुल हमीद कुरैशी की याचिका पर दिए।
याचिका में अधिवक्ता कलीम अहमद खान ने बताया कि नगर निगम की ओर से शहर में मीट शॉप का लाईसेंस देते समय यह शर्त लगाई जाती है कि वह मांस की दुकान हर मंगलवार सहित अन्य हिन्दू त्यौहारों पर नहीं खोली जाएगी। हाल ही में राज्य सरकार ने महावीर जयंती पर भी दुकानें बंद रखने के दिशा-निर्देश दिए थे।
जबकि राज्य सरकार को यह अधिकार नहीं है कि वह किसी धर्म विशेष का समर्थन करे। इस वर्ष भी 16 त्यौहार व पर्व के साथ ही हर मंगलवार को मीट शॉप बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं। इनमें मंगलवार के अलावा अन्य 12 त्यौहार हिंदू समुदाय के लिए हैं।
ऐसे में राज्य सरकार को चाहिए कि वह रमजान माह में शराब की दुकानों को भी बंद कराए। इस्लाम के अनुसार प्रदेश में शराब और सुअर का मीट पर पूर्ण पाबंदी लगनी चाहिए। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
23 अप्रैल को हुई थी रिट दाखिल
उल्लेखनीय है कि इस संदर्भ में राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर बैंच में 23 अप्रैल को रिट दाखिल की गई। जिस पर पहली सुनवाई 29 अप्रैल को एकल पीठ में न्यायाधीश गौवर्धन बाढ़दर ने सुनवाई कर अगली सुनवाई के लिए 7 मई की तारीख दी गई। सात मई को हाईकोर्ट की एकल
पीठ में न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा ने मामले में विस्तार से सुनवाई करते हुए मुख्य
सचिव, प्रमुख स्वायत्त शासन सचिव, डीएलबी निदेशक और नगर निगम आयुक्त सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। जवाब देने के लिए इन्हें छह सप्ताह का समय दिया गया है।