जयपुर। विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा के प्रत्याशियों का नाम वापस लौटाए जाने के बाद अब पार्टी नेता दीपावली के बाद एक बार फिर मंथन करेंगे। इससे पहले जिलेवार सभी सीटों से जरूरी आंकडे भी जुटाए जाएंगे।
इसके लिए पार्टी आलाकमान के निर्देश पर भाजपा नेताओं ने काम भी शुरू कर दिया है। अमित शाह के अधिकांश विधायकों के टिकट काटने के फरमान के बाद उपचुनावों में हारी 17 सीटों पर मौजूदा विधायकों की दावेदारी पर संकट पैदा हो गया है। पार्टी नेताओं का मानना है कि उपचुनावों से पहले मौजूदा विधायक अपने क्षेत्र में भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने में नाकाम रहे। ऐसे में उन विधायकों के टिकट काटे जाए जहां पर हार का अंतर बहुत ज्यादा रहा है। शाह के कडे रुख को देखते हुए माना जा रहा है कि प्रत्याशियों की सूची में सबसे ज्यादा गाज उपचुनावों में हारी गई सीटों पर ही गिरेगी।
ज्ञात हो कि भाजपा में टिकटों का पैनल लेकर शाह के पास पहुंचे नेताओं को लौटा दिया गया है। इसके साथ ही सभी सीटों पर नए सिरे से विचार कर जिताऊ नाम लाने को कहा गया है। ऐसे में प्रदेश के नेताओं की ओर से अब तक की गई पूरी मेहनत पर पानी फिर गया है। शाह चाहते है कि हर सीट पर जातिगत, सामाजिक और क्षेत्र में सक्रियता के आधार पर नाम तय किए जाएं। हालांकि मुख्यमंत्री अधिकांश टिकट मौजूदा विधायकों को देने के पक्ष में हैं।
शाह के निर्देश के बाद अब भाजपा चुनाव प्रबन्धन समिति और कोर कमेटी के पदाधिकारियों की ओर से एक बार फिर सभी नामों पर मंथन किया जाएगा। हालांकि फिलहाल भाजपा नेता इस बारे में कुछ भी कहने से बच रहे हैं लेकिन उच्च पदस्थ सूत्र ने बताया कि दीपावली के बाद एक बार फिर महामंथन किया जाएगा और शाह की ओर से सुझाए गए सभी बिन्दुओं के आधार पर पैनल तय किया जाएगा।